उत्तराखंड की फाइनेंस कंपनी से तीन साल में धन दोगुना कराने की आड़ में ठगी

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मुरादाबाद / काशीपुर : उत्तराखंड की फाइनेंस कंपनी से तीन साल में धन दोगुना कराने की आड़ में ठगी करने के मामले में कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। फिलहाल 3 साल में दोगुना करने का झांसा देने वाली माई एम्परर इंडिया फाइनेंस कंपनी के दफ्तरों में ताले लटके हैं और कंपनी डायरेक्टर द्वारा दिए गए चेक पर एमआईसीआर कोड फर्जी था। ऐसे में मूल रकम छह लाख का भी भुगतान नहीं हो सका।

उत्तराखंड राज्य के ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर के 236, धीमरखेड़ा थाना आईटीआई निवासी लाखन सिंह पुत्र स्व. जयराम सिंह ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसका भांजा तेजपाल सिंह पुत्र स्व. लल्लू सिंह निवासी ग्राम महेशपुर खेम, पोस्ट मानपुर, थाना भगतपुर, जिला मुरादाबाद में रहता है। तेजपाल सिंह ने अपने गाँव महेशपुर खेम के रहने वाले गुरुदेव सिंह पुत्र करतार सिंह से मिलवाया था, जिस कारण से उसके गुरुदेव के साथ सबंध हो गये थे।

गुरुदेव ने उसे बताया कि वह फाइनेन्स कम्पनी माई एम्परर इंडिया का डायरेक्टर है और उस कंपनी में पैसा इन्वेस्ट करने पर तीन साल में दोगुनी रकम दी जायेगी। तुम्हें इस स्कीम की मेम्बरशिप लेनी पड़ेगी। गुरुदेव पर विश्वास करते हुए लाखन सिंह ने अपने नाम से 12 जुलाई 2019 को पांच लाख रुपये व 27 अगस्त 2019 को अपने पुत्र राहुल कुमार सिंह के नाम से एक लाख रुपये इस कंपनी में इन्वेस्ट किये और गुरुदेव ने उसे इसकी रसीद दे दी।

लाखन सिंह ने बताया कि कुछ महीनों से दढ़ियाल अड्डा, टाण्डा उज्जैन, काशीपुर में स्थित गुरुदेव सिंह की कम्पनी का कार्यालय बन्द चल रहा है। जब उसने गुरुदेव से सम्पर्क किया तो गुरुदेव ने बताया कि उसके साथ कम्पनी को चलाने वाले और लोग भी थे, जो कम्पनी बंद करके भाग गये हैं। मैं शीघ्र ही तुम्हारे पैसे अदा कर दूंगा।

जब लाखन ने गुरुदेव से अपने रुपये देने को कहा तो गुरुदेव ने 29 दिसंबर 2020 को अपने प्रथमा बैंक शाखा महेशपुर खेम, पोस्ट मानपुर, जिला मुरादाबाद के खाते का एक चैक संख्या-005445 से 6 लाख रुपये का अपने हस्ताक्षर करके भुगतान हेतु दिया जो कि बैंक में जमा किया तो पता चला कि वह चैक का एमआईसीआर कोड फर्जी होने के कारण भुगतान नहीं हो सकता। इसके बाद लाखन ने फिर गुरुदेव से सम्पर्क किया तो गुरुदेव ने उसे रकम वापस करने से साफ इंकार कर दिया। जब लाखन ने गुरुदेव से अपनी रकम का बार-बार तकादा किया तो गुरुदेव ने उसे गालियाँ देते हुए कहा कि अब तूने यदि अपनी रकम का तकादा मुझसे किया तो मैं तुझे जान से मार दूंगा। गुरुदेव सिंह ने उसके साथ धोखाधड़ी करते हुए कम्पनी में इन्वेस्टमेन्ट के नाम पर 6 लाख रुपये हड़प लिये और उसे फर्जी एमआईसीआर कोड का फर्जी चैक भुगतान हेतु दे दिया। लाखन ने कोर्ट को बताया कि उसने इसकी शिकायत पुलिस से की लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गुरुदेव सिंह व तेजपाल के विरुद्ध धारा 420, 504, 506 अईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

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