श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन एकादशी पर पान खाना भी वर्जित है…
यह एकादशी व्रत पति-पत्नी द्वारा एक साथ किया जाता है, ताकि पुत्र की प्राप्ति हो सके। यह वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक श्रावण पुत्रदा एकादशी है जो भगवान शिव को समर्पित है। सावन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पुत्रदा एकादशी का विशिष्ट महत्व होता है।
पुत्रदा एकादशी साल में दो बार मनाई जाती है – एक पौष शुक्ल पक्ष में और दूसरी श्रावण शुक्ल पक्ष में। किसी भी एकादशी व्रत का प्राथमिक उद्देश्य जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करना है। इस बार पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त 2022को पड़ रही है। यह एकादशी इसीलिए भी खास है क्योंकि यह एकादशी सावन मास के अंतिम सोमवार को मनाई जाएगी।
* एकादशी के दिन यथाशक्ति अन्न दान करें, किंतु स्वयं किसी अन्य का दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें। * किसी कारणवश निराहार रहकर व्रत करना संभव न हो तो एक बार भोजन करें। * इस दिन दूध या जल का सेवन कर सकते है।* एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू, आलू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च, सेंधा नमक, दूध, बादाम, अदरक, चीनी आदि पदार्थ खाने में शामिल कर सकते हैं। * एकादशी का उपवास रखने वालों को दशमी के दिन , लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।* एकादशी के दिन प्रात: लकड़ी का दातुन न करें। * एकादशी की रात में भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए* इस दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना वर्जित है। * एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी पर श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन पान खाना भी वर्जित है।* फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें। * सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता आदि का सेवन किया जा सकता है। * एकादशी तिथि पर जौ, बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए।* इस व्रत में सात्विक भोजन करें। * मांस-मदिरा या अन्य कोई भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करें। * प्रत्येक वस्तु प्रभु को भोग लगाकर तथा तुलसी दल छोड़कर ग्रहण करना चाहिए.