कोरोना काल में वापस नहीं की बीमित रकम, अब महंगा पड़ गया सहारा कंपनी को
लव इंडिया, संभल। चंदौसी निवासी शोभा पत्नी रामवीर ने सहारा यू गोल्ड सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में पंद्रह ₹15000 की अपनी चार एफ डी वर्ष 2011 में बनवाई थी उन एफडीयो पर परिपक्वता तिथि सात दिसम्बर 2026 अंकित थी क्योंकि एफडीयो को भविष्य के लिए जरूरत पड़ने पर काम आए इसलिए पैसा अपनी बचत योजना में जमा किया था। जब कोरोना काल में श्रीमती शोभा को पैसे की आवश्यकता हुई तो उन्होंने अपनी सहारा यू कोल्ड सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की जमा एफडी को चंदौसी कार्यालय में संपर्क कर उन्हें एफ डी की जमा धनराशि उस समय जो भी ब्याज हो के साथ ब्याज सहित वापस किए जाने का अनुरोध किया परंतु उनकी कोई भी बात नहीं सुनी गई।
इस पर उन्होंने अपने अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया तब उन्होंने न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में एक परिवाद योजित किया जहां वादी के अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने आयोग को बताया कि कोई भी बचत भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर जमा की जाती है और उसी के अनुरूप उनकी पक्षकार ने पंद्रह ₹15000 की चार एफडी विपक्षी से प्राप्त की थी क्योंकि कोरोना काल मे आर्थिक संकट से जूझ रही थी और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति को सही करने के लिए पैसों की अति आवश्यकता थी। इसलिए उन्होंने अपनी एफडी की जमा धनराशि प्राप्त करने के लिए विपक्षी से संपर्क किया परंतु विपक्षी ने उनकी बात नहीं सुनी। जहां आयोग के अध्यक्ष राम अचल यादव सदस्य आशुतोष ने पक्षकारों की बातों को सुना। सुनकर विपक्षी ने बताया कि यह कोऑपरेटिव सोसाइटी है और अभी उनकी जो समय सीमा हैं वो भी है पूर्ण नहीं हुई है इसलिए उन्हें भुगतान नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने दोनों की बातों को सुना और अपना आदेश देते हुए विपक्षीगण सहारा यू गोल्ड सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक व शाखा को आदेशित किया कि उनके द्वारा पर्व आदमी के पक्ष में जारी किए गए चारों सारा यू गोल्ड प्रमाण पत्रों के अंतर्गत दिनांक 7 दिसंबर 2021 दिनांक 10 दिसंबर 2021 के पश्चात दे धनराशि मुबलिग 42600 प्रत्येक के अंतर्गत 2 माह में अदा करें। नियत अवधि के अंदर विपक्षी गण द्वारा परिवादी को धनराशि अदा ना किए जाने पर 6% वार्षिक ब्याज की दर से दे होगा।