सपा प्रत्याशी रूचि वीरा को पहली बार किसी मजिस्ट्रेट ने समझाया आचार संहिता क्या है…देखिए वीडियो भी
अलविदा जुमा की नमाज के दौरान जामा मस्जिद के पास लोगों से मिलने पहुंची थी रुचि वीरा। सिटी मजिस्ट्रेट बिना अनुमति के प्रत्याशी के जाने पर नाराज़ थी। सिटी मजिस्ट्रेट और सपा प्रत्याशी से बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल और इसमें शायद पहली बार किसी मजिस्ट्रेट ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रुचि वीरा को यह समझाया की आचार संहिता क्या है…
लव इंडिया, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी रुचि वीरा और मुरादाबाद सिटी मजिस्ट्रेट के बीच तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में रुचि वीरा और सिटी मजिस्ट्रेट के बीच तीखी बहस होती हुई दिखाई दे रही है। यह बहस उस वक्त की है जब जुमा अलविदा की नमाज के बाद रुचि वीरा सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ जामा मस्जिद से नमाज पढ़कर वापस आ रहे लोगों से जनसंपर्क करने पहुंची थी।
आपको बता दें कि मुरादाबाद की लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने मौजूदा सांसद डॉ. एसटी हसन को अपना प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने अपना नामांकन भी दर्ज करा लिया था। लेकिन, आखिरी वक्त में बिजनौर से पूर्व विधायक रुचि वीरा को चुनावी मैदान में उतार दिया है। हालांकि रुचि वीरा के मुरादाबाद से चुनाव लड़ने पर लगातार उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है। बीते दिनों भी सपा के डॉक्टर एसटी हसन समर्थकों ने रुचि वीरा का पुतला दहन किया था और अभी भी कई इलाकों में रुचि वीरा का विरोध देखा जा रहा है। फिलहाल देखना यह भी दिलचस्प होगा क्या समाजवादी पार्टी के इस फैसले से समाजवादी को नुकसान होता है या फिर रुचि वीरा लोकसभा का चुनाव जीतकर पार्टी को मजबूत बनाती हैं?
इस दौरान रुचि वीरा जमा मस्जिद इलाके में नमाजियों से मुलाकात करने की कोशिश कर रही थी। तभी सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें रोक लिया और कहा कि आप आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक आयोजन में इस तरह जाना आचार संहिता का उल्लंघन है। जबकि रुचि वीरा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके पास पोस्टर बैनर या पार्टी का झंडा नहीं है तो यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी नहीं हुआ। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि आप एक बार चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का नियम पढ़ें तब आपको सब मालूम हो जाएगा। इसके बाद समाजवादी पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी रुचि वीरा वहां से अपने कार्यकर्ताओं के साथ चली गई।