OP राजभर की सुभासपा को भी मुरादाबाद जिले में कश्यप समाज नहीं दे रहा तबज्जो

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लव इंडिया, मुरादाबाद। रविवार को सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई है जो उत्तर प्रदेश विधानसभा के कार्यक्रम की बताई जा रही है इस फोटो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं जबकि उनके पीछे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर खड़े हुए हैं। फोटो को वायरल करने वाले ने तंज किया है की भले ही ओपी राजभर और उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा हो गई है लेकिन उन्हें अभी तवज्जो नहीं दी जा रही।

लव इंडिया नेशनल इस फोटो की पुष्टि नहीं करता लेकिन यह जरूर है कि तेजी से वायरल हो रही है। फोटो गांव गांव गली गली के राजनीतिक गलियों में अलग छाप छोड़ रही है। मालूम हो कि N.D. A का हिस्सा बने सुभासपा को पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में चलो गांव की ओर जन चौपाल कार्य क्रम में कोई तबज्जो नहीं मिल रही है। इसका बड़ा कारण भर एवं राजभर जाति को एसटीएससी का दर्जा दिये जाने एवं 17 प्रति पिछड़ों जातियों का एससी का मुद्दा से ओपी राजभर का विमुख होना माना जा रहा है। हो भी क्यों न एक लम्बे अर्से से 17 अति पिछड़ी का मुद्दा राजकीय पटल पर चुनावी जुमला बना है।

यही बड़ी वजह जन- चौपाल कार्य क्रम में केवट, कहार, मल्लाह, धींवर एवं कश्पप तबज्जो नहीं दे रहे हैं। मुरादाबाद मंडल में चले इस कार्य क्रम में शेरूआ धर्मपुर, कूरी रवाना, खुशहालपुर, फोडला पट्टी, और खूंटखेड़ा के कई गांवो में ‘जन चोपाल लगाया गया। लेकिन कोई तबज्जो नही दे रहे हैं।

पार्टी के नेता 10 रुपये अदा करने पर तीन वर्ष की सुरक्षा गारंटी की के सदस्यता अभियान से प्रारम्भिक सदस्य बनने के लिए को तैयार सुरक्षा गारन्टी व थाना, तहसीलों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलने का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। कश्यप समाज के कई जागरुक व्यक्तियों ने यह कह कर पार्टी की धब्जियों ठंड़ा दी कि पूर्व में राजभर, निषादों का बोल-बाला और पश्चिमांचल में कश्यपों की बहुतायत है।

. ..और मुरादाबाद मंडल के कांठ विधानसभा क्षेत्र में ऐसे में ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष, तहसील अध्यक्ष अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी कुछ ऐसा ही आभास हो रहा है और लोग इनसे कारकों में नहीं आ रही है। इस संबंध में लव इंडियन नेशनल ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष और तहसील अध्यक्ष से बातचीत भी करनी चाहिए लेकिन उन्होंने बात करना गवारा नहीं समझा।

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