अमित शाह का एडिटेड वीडियो: झूठ फैलाने वालों पर शिकंजा करने से देश की सियासत में हलचल

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लव इंडिया, दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किए गए वीडियो से जुड़े मामले में जांच के तहत पुलिस राजस्थान, झारखंड, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गई है। जबकि, दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित सात राज्यों के 16 नेताओं को तलब किया है।

सपा के अंबेडकरनगर से प्रत्याशी लालजी वर्मा पर केस दर्ज, सपा प्रवक्ता को समन

गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो पोस्ट करने पर अंबेडकर नगर से सपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री लालजी वर्मा पर केस किया गया। उनके साथ सपा प्रवक्ता मनोज काका पर भी मामला दर्ज किया गया है। आरक्षण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने सपा के अंबेडकरनगर से प्रत्याशी पूर्व मंत्री लालजी वर्मा पर केस दर्ज कर लिया है,नामांकन से पूर्व दिल्ली पुलिस की टीम ने सोमवार देर रात उनके घर पहुंचकर नोटिस थमाया और पूछताछ भी की। पूर्व मंत्री ने इसे चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश करार देते हुए कहा कि सूरत जैसे हालात हर जगह बनाए जा रहे हैं।

राजस्थान और नागालैंड में कांग्रेस के दो नेताओं को भी मोबाइल संग पेश होने को कहा

सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान और नागालैंड में कांग्रेस के दो नेताओं को भी मोबाइल फोन के साथ पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। वैसे, इससे पहले सोमवार को रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के सदस्य शिव कुमार अंबाला, अस्मा तस्लीम, सतीश मन्ने और नवीन पेटेम को एक मई को पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए तलब किया गया।

दिल्ली पुलिस दर्ज कर चुकी है FIR

दिल्ली पुलिस ने रविवार को भाजपा और गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफएसओ यूनिट ने भी एफआईआर दर्ज की। आईएएनएस के पास उपलब्ध एफआईआर की प्रति के अनुसार गृह मंत्रालय ने शिकायत में कहा कि यह पाया गया है कि कुछ छेड़छाड़ किए गए वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर प्रसारित किए जा रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने क्या कुछ कहा?

ऐसा कहा गया, “लगता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसमें समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इससे शांति और व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना है। ” मंत्रालय ने आगे यह अनुरोध किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार जरूरी कार्रवाई करें. शिकायत के साथ रिपोर्ट संलग्न है, जिसमें उन लिंक और हैंडल का ब्योरा है, जिनसे गृह मंत्री के छेड़छाड़ किए गए वीडियो शेयर किए जा रहे हैं।

वीडियो में यह हुई थी छेड़छाड़

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया, जिसमें कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण प्रावधानों को रद्द करने के भाजपा के इरादे का संकेत देते हुए दिखाया गया है।

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