मुस्लिम संग दलितों के सहारे महापौर की तैयारी

Uttar Pradesh युवा-राजनीति

लव इंडिया मुरादाबाद

लव इंडिया मुरादाबाद। 1995 में बसपा से पार्षद चुने मोहम्मद यामीन एक बार फिर हाथी पर सवार होकर महापौर प्रत्याशी है। यह अलग बात है कि वह टिकट मिलने से पहले तक समाजवादी पार्टी में थे लेकिन अब वह बसपाई हैं और दलित और मुस्लिम वोटों के सहारे महापौर बनने का ख्वाब देख रहे हैं इसलिए उन्होंने अपने चुनाव प्रचार को अन्य राजनीतिक दलों से अलग चलाया। इतना ही नहीं मोहम्मद यामीन को मुस्लिम दलित गठजोड़ के सहारे हिंदू वोटरों में सेंड की उम्मीद है दलितों के सहारे हिंदू

मोहम्मद यामीन वर्ष 1995 में बसपा के उम्मीदवार के रूप में पार्षद चुने गए। साल 1996 के विधान सभा के चुनाव में पार्टी ने शहर के पश्चिमी विधान सभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। जिसमें करीब 40 हजार मत पाकर चुनाव हार गए। इसके बाद यामीन संगठन के कार्य से शिथिल हो गए। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े यामीन के सियासत में शांत होने के बाद भी राजनीतिक दलों से संपर्क बनाए रखा। नगर निगम की राजनीति में नगीना के सांसद और वरिष्ठ बसपाई गिरीश चंद्र से नजदीकी का यामीन को लाभ मिला और बसपा प्रमुख मायावती के पास अर्जी दी और महापौर का टिकट पाने में कामयाब रहे।

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