New Scam Fund: योगी जी के राज में रातोंरात चोरी हो गई ब्लॉक परिसर में कंप्यूटर कक्ष के बरामदे में लगी लाखों रुपए कीमत की स्टील की ग्रिल

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। जनपद के एक ब्लॉक परिसर में स्थित कंप्यूटर कक्ष के बाहर लगी लाखों रुपए कीमत की ग्रिल चोरी हो गई। क्या आप यकीन करेंगे कि सरकारी कार्यालय से लगी हुई स्टील की ग्रिल चोरी हो गई और वह भी बुलडोजर बाबा यानि कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में, जहां चोर, लुटेरे, डकैत जैसे शातिर अपराधी ही नहीं बल्कि माफिया भी भूमिगत हो गए हैं क्योंकि इन्हें बाबा के बुलडोजर के साथ- साथ पुलिस के डंडे और जवाबी गोली का भी खौफ है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ब्लॉक परिसर के कंप्यूटर कक्ष के बाहर लगी लाखों रुपए की स्टील की ग्रिल को चोरी करने वालों को खौफ नहीं था।

जी हां! यह मामला है उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh ) के मुरादाबाद जिले (Moradabad district) के बिलारी तहसील ( Bilari Tehsil ) क्षेत्र का और आप देख सकते हैं इस फोटो में जिसमें स्टील की ग्रिल (steel grill) लगी हुई है और यह फोटो है बिलारी के खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित कंप्यूटर कक्ष का ( computer room located in the office premises of the Block Development Officer of Bilari)।

बिलारी के खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित कंप्यूटर कक्ष के इर्द-गिर्द लगी स्टील की ग्रिल

और अब आप इस फोटो को देखिए यह फोटो भी बिलारी के खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित उसी कंप्यूटर कक्ष का है लेकिन इसके इर्द-गिर्द लगी स्टील की ग्रिल गायब है या आम आदमी की भाषा में कहें तो स्टील की ग्रिल चोरी हो गई।

बिलारी के खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित उसी कंप्यूटर कक्ष का है लेकिन इसके इर्द-गिर्द लगी स्टील की ग्रिल गायब

लाखों की कीमत की स्टील की ग्रिल आखिरकार गई कहां

आपने बिलारी के खंड विकास कार्यालय परिसर स्थित कंप्यूटर कक्ष के बाहर लगी स्टील की ग्रिल के फोटो को भी देखा और बिना ग्रिल लगे हुए फोटो को भी। आपके जेहन में आ रहा होगा कि आखिरकार यह कैसे हो गया और लाखों की कीमत की स्टील की ग्रिल गई कहां या फिर यह भी दिमाग में घूम रहा हुआ कि कहीं फोटो को संपादित तो नहीं कर दिया गया और स्टील की ग्रिल बना दी गई हो, लेकिन ऐसा नहीं है जनाब..। और यह दोनों ही फोटो असली हैं हमारे पास बिलारी के इस खंड विकास कार्यालय में स्थित कंप्यूटर कक्ष में लगी स्टील की ग्रील की वीडियो भी उपलब्ध है। आप भी देखिए वीडियो…

और अब इस वीडियो को देखिए यह वीडियो भी बिलारी खंड विकास कार्यालय के उसी कंप्यूटर कक्ष के बाहर से बनाया गया है जिस पर पहले वीडियो में आपने स्टील की ग्रिल लगी हुई देखी थी लेकिन इस वीडियो में आपको स्टील की ग्रिल लगी हुई नजर नहीं आ रही होगी क्योंकि जब कैमरे में कैद ही नहीं हुई तो फिर आरती कैसे और भाइयों कैमरे में भी कैद तो तभी होती जब ग्रिल लगी हुई होती…?

अब सबसे बड़ा सवाल आखिरकार स्टील की ग्रिल गई कहां

यह सवाल आपके दिमाग में भी आ रहा होगा की बुलडोजर बाबा के राज में क्या कोई चोर उचक्का या फिर डकैत सरकारी दफ्तर के अंदर के कार्यालय के बाहर लगी स्टील की ग्रिल चोरी कर सकता है और अगर चोरी हुई तो फिर इसकी रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई गई।

आखिरकार क्या कहना है खंड विकास अधिकारी का

असल में खंड विकास कार्यालय बिलारी के कंप्यूटर कक्ष के इर्द-गिर्द लगी स्टील की ग्रिल के गायब होने के सवाल पर खंड विकास अधिकारी भवानी प्रसाद शुक्ला का कहना है कि ग्रिल का मामला अभी हमारे संज्ञान में नहीं है। अभी हमारे द्वारा कोई ग्रिल नहीं लगाई गई है। अभी टेंडर नहीं खुला है। जब टेंडर खुल जाएगा तो ग्रिल लगाई जाएगी। जब हमारे द्वारा लगाई जाएगी तो उसे कोई नहीं उखाड़ सकता है, जिस किसी ने लगाई होगी अब काट ली होगी, लेकिन मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।

स्टील की ग्रिल प्रकरण में बिलारी के खंड विकास अधिकारी का बयान हास्यप्रद

कंप्यूटर कक्ष की सुरक्षा के लिए लगाई गई स्टील की ग्रिल थी ही नहीं… कुछ ऐसा ही कहना है बिलारी के खंड विकास अधिकारी का और यह बयान किसी को भी हजम नहीं हो रहा बल्कि लोग खंड विकास अधिकारी के इस बयान को हास्यप्रद बताते हुए पूरे मामले पर पर्दा गिराने के साथ-साथ रफा-दफा करने की साजिश करार देते हुए कहते हैं कि कहीं ना कहीं गोलमाल है और इसमें खंड विकास अधिकारी कार्यालय के आला अधिकारी भी मिले हुए हैं।

तहकीकात में सामने आया स्टील की ग्रिल चोरी में लाखों का गोलमाल

बिलारी खंड विकास कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष की सुरक्षा के लिए लगाए गए स्टील के ग्रिल गायब मामले में जब तहकीकात की गई तो लव इंडिया नेशनल के सामने एक ऐसा कड़वा सच आया जो बुलडोजर बाबा योगी आदित्यनाथ के नौकरशाहों के भ्रष्टाचार की कलाई खोल रहा है और पूरा मामला कुछ इस तरह का है। असल में कुछ प्रमुख समाचार पत्रों में 8 नवंबर 2022 को बिलारी विकास खंड के कुछ विकास कार्यों की निविदाएं मांगी गई थी। अगले ही दिन 9 नवंबर 2022 को कई समाचार पत्रों में टेंडर छपा जिसमें पहला कार्य ब्लॉक परिसर के कंप्यूटर कक्ष के बरामदे में स्टील ग्रिल लगना था जोकि सात लाख 27 हजार 106 रुपए 20 पैसे का था और तीन माह में स्टील की ग्रिल लगनी है। यह काम पंचम वित्त आयोग…योजना से किया जाना है। देखिए एक अखबार में छपे इस टेंडर को…

और जिसने भी इस टेंडर को पढ़ा तो हैरत में पड़ गया क्योंकि ब्लॉक परिसर के कंप्यूटर कक्ष के बरामदे में स्टील ग्रिल लगी हुई थी जबकि टेंडर में 3 माह में स्टील की ग्रिल लगाने की समय अवधि थी। इसकी खबर क्षेत्र के लोगों और हर रोज ब्लॉक आने वाले शुभचिंतकों के माध्यम से मीडिया को लगी तो कैमरे में कैद हो गया या।

और इसके बाद रातों-रात चोरी हो गई स्टील की ग्रिल

ब्लॉक के शुभचिंतकों के साथ- साथ मीडिया के कैमरे में कैद होते ही संबंधित अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। जानकार कहते हैं क्यों ने यह समझ में ही नहीं आया कि क्या करें ऐसे में आपाधापी में ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी कहावत को चरितार्थ करने का निर्णय लिया गया और इसी के तहत रातो रात बिलारी खंड विकास कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष कि यह लाखों की स्टील की ग्रिल गायब हो गई इसे हमें स्थानीय भाषा में दरोगा जी चोरी हो गई…भी कह सकते हैं क्योंकि अधिकारियों ने रात में ही स्टील की ग्रिल को उखाड़वा कर गायब करा दिया लेकिन कहावत है चोर कितना भी शातिर हो.. अपने अपराध के निशान छोड़ जाता है और इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। स्टील की ग्रिल को उखाड़े जाने के बाद निशान बाकी रह गए तो इन्हें सीमेंट से भरवा दिया गया जबकि जहां ग्रिल लगी थी वहां टाइल से लगी हुई है और उखाड़े जाने के बाद बाकी रहे निशा और उन्हें सीमेंट से भरवा देने का वीडियो आप ऊपर ही देख चुके हैं अगर नहीं देखा है तो एक बार फिर देख लीजिएगा।

साहब से लेकर बाबू तक बचते नजर आए

विकासखंड के अधिकारियों से इस मामले की जानकारी लेनी चाही तब विकासखंड के अधिकारियों से लेकर बड़े बाबू तक कैमरे से बचते नजर आए। यह कहकर पल्ला झाड़ लिया बोले

गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी

सूत्रों के मुताबिक इसकी सूचना जब जिलाधिकारी तक पहुंची तो जिलाधिकारी ने तुरंत सीडीओ को जांच के आदेश कर दिए। अब अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे मामले की जांच पड़ताल की जाएगी और यदि मामले में गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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