समग्र क्रांति महानायक थे जय प्रकाश नारायण

Uttar Pradesh युवा-राजनीति

लव इंडिया, बरेली। मानव सेवा क्लब के तत्वावधान में प्रखर समाजवादी समग्र क्रान्ति के महानायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयंती पर गोष्ठी का आयोजन मंगलवार को क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय सभागार में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य भूषण एवं लोकतंत्र सेनानी सुरेश बाबू मिश्रा ने की। कवि इन्द्र देव त्रिवेदी, अजय कुमार, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने जयप्रकाश नारायण के चित्र पर पुष्प अर्पितकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इन्द्र देव त्रिवेदी की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।

भारत को स्वतंत्र कराने का त्वरित मार्ग दिखायी दिया

क्लब अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने सभी स्वागत करते हुए कहा कि अमेरिका प्रवास के समय जे.पी. समाजवादी विचारधारा से प्रभावित हुए एन.एन. राय के लेखों ने उनके विचारों को उद्वेलित किया। एक समय ऐसा आया कि उन्हें गांधी के आन्दोलन के तरीके अपूर्ण लगने लगे और समाजवाद द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने का त्वरित मार्ग दिखायी दिया। इन्द्र देव त्रिवेदी ने बताया कि जेपी समय-समय पर भारतीय लोकतंत्र की समीक्षा भी करते रहे। इससे असंतुष्ट होकर ‘समग्रांति’ का सूत्रपात किया।

केवल स्वतंत्रता पर्याप्त नहीं थी

कार्यक्रम अध्यक्ष लोकतंत्र सेनानी सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि जयप्रकाश नारायण भारत की समस्याओं का समाधान समाजवाद से मानते थे। समाजवाद का अर्थ उनके लिए स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व की स्थापना था, अपनी पुस्तक ‘सोशलिज्म’ टू सर्वोदय में लिखा है ‘क्रांति का मार्क्सवादी दर्शन गांधी जी के सविनय अवज्ञा और असहयोग पद्धति की अपेक्षा अधिक निश्चित तथा शीघ्रगामी मालूम हुआ…। उसी समय मार्क्सवाद ने समता और बंधुत्व की एक और ज्योति मेरे लिए जगा दी। केवल स्वतंत्रता पर्याप्त नहीं थी।

छात्र आंदोलन के वह भी एक हिस्सा रहे हैं

विशिष्ट अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. सुरेश रस्तोगी ने जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हेँ श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि जेपी द्वारा चलाये गए छात्र आंदोलन के वह भी एक हिस्सा रहे हैं।उन्होंने कहा कि जे.पी. ने सामूहिक स्वामित्व तथा सहकारी नियंत्रण की वकालत की तथा भारी यातायात, शिपिंग, खनन और भारी उद्योगों के राष्ट्रीयकरण की मांग की।अखिलेश कुमार ने कहा कि की प्रशंसा करने वाले जयप्रकाश सोवियत संघ में स्थापित समाजवाद को ज्योें की त्यों भारत में स्थापित करने के पक्ष में नहीं थे।

भारतीय संस्कृति के मूल्यों एवं नैतिकता को महत्व प्रदान करना पड़ेगा

निर्भय सक्सेना ने कहा कि जेपी के अनुसार समाजवाद मात्र पूंजीवाद का निषेध नहीं है।अजय कुमार ने कहा कि साधन तथा साध्य में एक गहरा संबंध है भारत में समाजवाद लाने के लिए भारतीय संस्कृति के मूल्यों एवं नैतिकता को महत्व प्रदान करना पड़ेगा। विचार गोष्ठी का संचालन क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने किया। सभी का आभार महासचिव सत्येंद्र सक्सेना ने व्यक्त किया। प्रमुख रूप से अरुणा सिन्हा, प्रकाश चंद्र, अजय कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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