मानसून सिर पर अब नजर आएगा बरेली में अब तक क्या बदला

Uncategorized

निर्भय सक्सेना, बरेली। बरेली में स्मार्ट सिटी के नाम पर रैंकिग बढ़ाने को आजकल बिना वाहन पार्किंग बनाए ही वाहनों के ई चालान कर भले ही सरकारी खजाना में इजाफा हो रहा है। पर बरेली में हाल यह है की स्मार्ट बरेली सिटी के नाम पर बरेली कचहरी जैसे भीड़ भाड़ वाले स्थान पर भी वाहन पार्किंग की योजना बनाए बिना ही केवल वह कार्य ही अधिक हो रहे बताए जा रहे हैं जिनमे सरकारी रकम को अधिक व्यय किया जा सके। अब तो मानसून सिर पर आ गया है।

शहर में बन रहे या अधबने नाले अभी तक आधे अधूरे ही पड़े हैं या उन्हें आपस में ही नहीं जोड़ा गया है। या उनके आपस में जोड़ने की भी कोई प्लानिंग हुई है की उनका निकास का गंदा पानी कहां जायेगा। हर बार जल भराव होता है पर पुराने कई नाले भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद भी अभी तक साफ नहीं हुए हैं। जिसका जीता जाता उदाहरण सिकलापुर, गंगापुर, माधोबाडी, प्रेमनगर, गुलाबनगर, गुलाबराय, बमनपुरी आजमनगर आदि के नाले हैं जिनकी स्थिति स्थलीय निरीक्षण में कभी भी देखी जा सकती है।

कुतुबखाना सब्जी मंडी के अंदर की नालियां तो कई वर्षो से अतिक्रमण के कारण ही साफ नहीं हो सकी हैं। अगर कुतुबखाना सब्जी मंडी का आला अधिकारी यदि स्थलीय निरीक्षण कर अतिक्रमण ही हटा दें तो पूर्व की तरह लोगो को आवागमन का साधन भी मिल सकता है। स्मार्ट सिटी के अधिकारी अगर चाहें तो लखनऊ के हजरतगंज के जनपथ मार्केट की भांति यहां भूमिगत पार्किंग के साथ ही बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बना कर आसपास के प्रभावित दुकानदारों को समायोजित भी किया जा सकता है।

साथ ही वाहन पार्किंग की समस्या भी हल हो सकती है। और नगर निगम की आय भी बढ़ सकती है। यही नहीं कभी कुमार सिनेमा के पास रही नगर निगम की फल सब्जी मंडी को भी योजना बनाकर वहां भी वाहन पार्किंग एवम मल्टी स्टोरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर दुकानदारों को राहत दी जा सकती है। बस इच्छाशक्ति की जरूरत है। ऐसा ही श्यामगंज सब्जी मंडी एवम किला सब्जी मंडी या किला पुलिस थाने के पास भी हो सकता है। अभी हाल में ही जिला अधिकारी की अध्यक्षता में हुई उद्योग बंधु की बैठक में भी मेरे दिए गए सुझाव भी उठाए गए थे। जिस पर निगम अधिकारियों को कुछ दिशा निर्देश भी देना बताया गया था।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 के चुनाव के परिणाम ने दिखा दिया था की आम नागरिक जाति धर्म से ऊपर उठकर विकास कार्य को ही अब अधिक महत्व दे रहे है। बरेली में लाइट मेट्रो सेवा देने पर भी उत्तर प्रदेश सरकार अब गंभीर है। लाइट मेट्रो को कुतुबखाना पर लाए बिना सार्वजनिक यातायात की कल्पना भी बेमानी ही होगी। जनप्रतिनिधियों से सुझाव भी मांगे गए हैं।

अब योगी 2 की नई सरकार में बरेली में कुतुबखाना एवम डेलापीर के वाई शेप पुल बनने पर ही जाम की समस्या की राह कुछ आसान हो सकती है। अन्यथा उसका हाल भी चौपला या आई वी आर आई के पुल जैसा ही होगा जिसमे दुर्घटना की आशंका हर दम बनी रहती है।

बरेली शहर में 2022 में तीसरी बार बीजेपी के डॉ. अरुण कुमार ने भारी मतों से अपनी जीत दर्ज कराई थी और मंत्री भी बने। यही कारण रहा की कुतुबखाना पुल का विरोध करने कथित मुट्ठी भर लोगो ने विधान सभा चुनाव के दौरान समाचार पत्रों में आधा आधा पेज के विज्ञापन देकर चुनाव में नोटा का बटन दबाकर बीजेपी को हराने तक की अपील कर डाली थी। चुनाव में बरेली शहर सीट पर नोटा में मात्र 1167 लोगो ने ही गुमराह होकर नोटा का बटन दबाया। आज भी मुट्ठी भर लोग ही अपने स्वार्थ के लिए आम जनता को गुमराह कर रहे हैं।

स्मरण रहे बरेली शहर में कुतुबखाना पुल की बाई शेप वाली मांग काफी पुरानी है। कुतुबखाना के साथ ही डेलापीर एवम किला क्रासिंग पर वाई शेप का एक नया पुल बनाना आज की जरूरत भी है।

पूर्व मेयर डॉ आई इस तोमर ने पूर्व में पत्रकारों से कहा था कि जब तक जिला परिषद रोड पर कुतुबखाना पुल की रोड नहीं उतरेगी यह कुतुबखाना पुल बेमानी ही साबित होगा। कोहाड़ापीर से कुमार टाकीज के आसपास पुल की विंग उतरने से कोहाड़ापीर की और से आने वाला यातायात जिला हॉस्पिटल कोतवाली के सामने से अपने गंतव्य पर जायेगा। उसी प्रकार कुतुबखाना की दिशा में जाने वाला यातायात नावल्टी चौराहे से उपजा प्रेस क्लब के पास से मुड़कर इस्लामिया स्कूल होकर जिला परिषद रोड से होता हुआ पुल की विंग पर चढ़कर कुतुबखाना होकर कोहाड़ापीर पर निकाल दिया जाएगा।

भारत की ड्राइविंग भी इसी के अनुकूल है। इससे आमने सामने का टकराव भी बचेगा। इसलिए जरूरी है की जिला परिषद रोड पर भी कुतुबखाना पुल की एक विंग उतारी जानी चाहिए। इससे कुतुबखाना पुल जाम कम करने में सफल होगा । जहां तक बरेली में लाइट मेट्रो चलाने की बात है इसके लिए इस बात पर भी मंथन हो की लाइट मेट्रो का मार्ग में कुतुबखाना के साथ ही बरेली रामपुर रोड, इज्जतनगर के साथ विश्वविद्यालय रोड, रामगंगा नगर योजना, एयरपोर्ट से रेलवे जंक्शन को भी इससे जोड़ा जाए।

इसके साथ ही बरेली स्मार्ट सिटी में कुतुबखाना सब्जी मंडी, श्यामगंज सब्जी मंडी, किला, तहसील परिसर में कचहरी में वाहन पार्किंग की भी आज नितांत जरूरत है। स्मार्ट सिटी बरेली में अब तक जनहित का कोई भी कार्य पूरी तरह धरातल पर भी नही उतरा है। कुछ दिनों बाद मानसून की वर्षा शुरू होगी। फिर त्योहारी मौसम के बाद नगर निगम चुनाव की आचार संहिता लग जायेगी।

स्मरण रहे बरेली स्मार्ट सिटी घोषित हुए कई वर्ष बीत गए पर बरेली में हाल यह है कि अधिकतर आला प्रशानिक एवम पुलिस अधिकरियों ने पिछले बार जनप्रतिनिधियों की बात कम ही सुनी थी। ऐसा उनका आरोप था । इसका दर्द पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार भी व्यक्त कर चुके थे। हाल यह कि बरेली मंडल में आज ही में हुए विधानसभा चुनाव 2022 में भी भाजपा में देश प्रदेश के सत्ताशीर्ष की प्रथम द्वितीय लाइन तो छोड़ उसके अगली लाइन में भी किसी पुराने भाजपा नेता को स्थान नहीं मिल सका था जबकि बरेली जिले के सभी सांसद, 7 विधायक, एम एल सी, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर तक कि सीट जनता ने बीजेपी की वर्तमान सीट भाजपा को ही दीं थी।

2022 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को बरेली में सात सीटें इस बार मिल गईं। भाजपा से 8 बार के सांसद संतोष कुमार गंगवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा के संसद की फाइनेंशियल कमेटी का चैयरमेन, राजेश अग्रवाल को उत्तर प्रदेश मंत्री मंडल से हटाकर बीजेपी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पद पर सरका दिया गया था। बरेली में स्मार्ट सिटी के काम तो अभी धरातल तक पर नहीं आये हैं। स्मार्ट सिटी का दर्जा पाया बरेली शहर आज भी बदहाल गड्ढादार सड़कों, चोक नाले नालियो, हर सड़क चोराहे पर जाम, कुतुबखाना उपरिगामी पुल एवम हवा हवाई कूड़ा निस्तारण प्लांट की योजना वाली घोषणाओ के प्रोजेक्ट बनने का ही अभी इंतजार ही कर रहा है।

बरेली कैंट में तो कूड़ा निस्तारण प्लांट लग गया। शहर में कोई भी वाहन पार्किंग की जगह अभी तक चिन्हित नहीं होने से जिला अधिकारी कार्यालय, कचहरी, जेल रोड, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, सिविल लाइन, श्यामगंज, किला, बड़ा बाजार आदि में भयंकर जाम जैसी स्थिति दिन भर बनी रहती है। स्मार्ट सिटी में अभी वहां पार्किंग की कोई जगह या योजना भी नही बनी है। ऐतिहासिक मोती पार्क का भी बेड़ागर्क ही हो रहा है। सब मोन हैं। प्रेमनगर, चाहबाई, बजरिया पूरन मल, बानखाना के निवासी साफ पेयजल नही मिलने से भी परेशान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *