कड़वा सच: अवैध क्लीनिक में नार्मल डिलीवरी संग चल रहा भ्रूण हत्या का काला धंधा
लव इंडिया, मुरादाबाद। भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव मनकुआ में एक झोलाछाप महिला डाक्टर अवैध रुप से संचालित क्लीनिक में नार्मल डिलीवरी और भ्रूण हत्याएं खुलेआम कर रही है। ऐसा नही है कि इस क्लीनिक की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी को नही है।
2000-2019 में कम से कम 9 मिलियन भ्रूण हत्या का संकेत
कानूनी तरीकों के बाहर कन्या भ्रूण का गर्भपात है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के आधार पर प्यू रिसर्च सेंटर का एक शोध वर्ष 2000-2019 में कम से कम 9 मिलियन महिलाओं के भ्रूण हत्या का संकेत देता है। शोध में पाया गया कि इन भ्रूणहत्याओं में से 86.7% हिंदुओं (आबादी का 80%), सिखों (जनसंख्या का 1.7%) के साथ 4.9% और मुस्लिम थे(जनसंख्या का 14%) 6.6% के साथ। शोध ने समय अवधि में बेटों के लिए वरीयता में समग्र गिरावट का भी संकेत दिया।
अपराध से जुड़े क़ानूनी प्रावधान भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 312 कहती है: ‘जो कोई भी जानबूझकर किसी महिला का गर्भपात करता है जब तक कि कोई इसे सदिच्छा से नहीं करता है और गर्भावस्था का जारी रहना महिला के जीवन के लिए खतरनाक न हो, उसे सात साल की कैद की सजा दी जाएगी’। इसके अतिरिक्त महिला की सहमति के बिना गर्भपात (धारा 313) और गर्भपात की कोशिश के कारण महिला की मृत्यु (धारा 314) इसे एक दंडनीय अपराध बनाता है।
धारा 315 के अनुसार मां के जीवन की रक्षा के प्रयास को छोड़कर अगर कोई बच्चे के जन्म से पहले ऐसा काम करता है जिससे जीवित बच्चे के जन्म को रोका जा सके या पैदा होने का बाद उसकी मृत्यु हो जाए, उसे दस साल की कैद होगी धारा 312 से 318 गर्भपात के अपराध पर सरलता से विचार करती है जिसमें गर्भपात करना, बच्चे के जन्म को रोकना, अजन्मे बच्चे की हत्या करना (धारा 316), नवजात शिशु को त्याग देना (धारा 317), बच्चे के मृत शरीर को छुपाना या इसे चुपचाप नष्ट करना (धारा 318)। हालाँकि भ्रूण हत्या या शिशु हत्या शब्दों का विशेष तौर पर इस्तेमाल नहीं किया गया है , फिर भी ये धाराएं दोनों अपराधों को समाहित करती हैं।
और यह सब जानने के बावजूद जनपद के भोजपुर थाना अंतर्गत मनकुआं मैं भ्रूण हत्याएं और नार्मल डिलीवरी अनट्रेंड महिला डाॅक्टर शाहिस्ता बेखौफ कर रही है और यह सब जानने के बावजूद जनपद के भोजपुर थाना अंतर्गत मनकुआं मैं
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि यह सब जानने के बावजूद जनपद के भोजपुर थाना अंतर्गत मनकुआं में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में ही धडल्ले से भ्रूण हत्याएं और नार्मल डिलीवरी अनट्रेंड महिला डाॅक्टर शाहिस्ता बेखौफ कर रही है। क्षेत्र की आशाओं से सांठगांठ करके ही इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह को जिले में हो रहें इस जघन्य अपराध को रोकना होगा, नहीं जन्म लेने से पहले ही भ्रूण की हत्याएं झोलाछाप महिलाएं करती रहेगी और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ होता रहेगा।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में ही धडल्ले से भ्रूण हत्याएं और नार्मल डिलीवरी अनट्रेंड महिला डाॅक्टर शाहिस्ता बेखौफ कर रही है। क्षेत्र की आशाओं से सांठगांठ करके ही इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह को जिले में हो रहें इस जघन्य अपराध को रोकना होगा, नहीं जन्म लेने से पहले ही भ्रूण की हत्याएं झोलाछाप महिलाएं करती रहेगी और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ होता रहेगा।