उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद ने वेयर हाउस निर्माण के 60 लाख रुपए कॉन्ट्रेक्टर के बजाए अन्य को भुगतान कर दिए

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उमेश लव, लव इंडिया, सम्भल। वेयर हाउस के निर्माण के 60 लाख रुपए संबंधित कॉन्ट्रेक्टर के बजाए किसी अन्य को भुगतान कर दिए गए। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस मामले में उप जिलाधिकारी संभल को जांच सौंपी है और 24 मार्च 20 23 तक रिपोर्ट मांगी है। इस पूरे मामले में वादी ने अधिशासी अभियन्ता उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद की भूमिका पर सवाल उठाएं हैं।

चन्दौसी रोड, शेर खां सराय, निवासी मौहम्मद आमिर कॉन्ट्रेक्टर एवं सप्लायर हैं। बकौल मौहम्मद आमिर के, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., (जिसका कार्यालय एचआईजी-193, आशियाना प्रथम मुरादाबाद में है) द्वारा सिरसी व सिकन्दरपुर में महिला छात्रावास का निर्माण कराना प्रस्तावित था। साथ ही, सम्भल में एबीएम मशीनों को सुरक्षित रखने हेतु वेयर हाउस का निर्माण भी किया जाना था।

वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. के अधिशासी अभियन्ता, निर्माण प्रखण्ड, सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता आदि अधिकारियों द्वारा मौहम्मद आमिर( प्रार्थी) से सम्पर्क किया गया और बताया कि मौहम्मद आमिर(प्रार्थी) अगर अपनी संस्था मौ. आमिर कॉन्ट्रेक्टर एण्ड सप्लायर के माध्यम से अपर जिलाधिकारी न्यायालय, सम्भल के निकट स्थित सरकारी भूमि पर एबीएम वेयर हाउस का निर्माण करता है तो मौहम्मद आमिर (प्रार्थी) की संस्था का उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. में पंजीकरण कराकर मेजरमेंट बुक के अनुसार विधिवत भुगतान किया जाएगा। चूंकि, पूर्व में टेंडर जारी होने सम्बन्धी प्रक्रिया नहीं थी, इसलिए वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद द्वारा मौ. आमिर कॉन्ट्रेक्टर एण्ड सप्लायर के पक्ष में वर्क आर्डर जारी किया गया तो संस्था द्वारा एबीएम वेयर हाउस का निर्माण करना प्रारम्भ कर दिया गया।

मौ. आमिर द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. के अधिकारियों के निर्देशानुसार विधिवत वेयर हाउस के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. मुरादाबाद द्वारा मौहम्मद आमिर को 20 फरवरी 2020 को एक लाख 31 हजार 509 रुपए व 49 हजार 839 रुपए अदा किए। मौहम्मद आमिर द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद के अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता से मिलकर सैंकड़ों बार अनुरोध किया कि उनका लगभग 60 लाख रुपए उक्त सहकारी संघ लि. की ओर बाकी है, उसका भुगतान कराया जाए तो उपरोक्त अधिकारियों द्वारा शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया गया।

लगभग एक सप्ताह पूर्व मौहम्मद आमिर, अधिशासी अभियन्ता उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद से एबीएम वेयर हाउस से सम्बन्धित भुगतान कराने का अनुरोध किया तो अधिशासी अभियन्ता द्वारा मौहम्मद आमिर (प्रार्थी) को निर्देश दिया कि उनकी फर्म के नाम का खाली लैटर हैड व उस पर हस्ताक्षर कराकर कार्यालय में दे दें जिससे वेयर हाउस निर्माण सम्बन्धी भुगतान किया जा सके। इसी क्रम में मौहम्मद आमिर ने अधिशासी अभियन्ता उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद को अपने लैटर पैड पर हस्ताक्षर करके भी दे दिए।

आदेश की फोटो कापी

इसके बावजूद, मौहम्मद आमिर को वेयर हाउस निर्माण सम्बन्धी धनराशि प्राप्त नहीं हुई, तो 27 दिसंबर 2022 को उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि, के अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता व अवर अभियन्ता से मिला और भुगतान करने का अनुरोध किया तो अधिशासी अभियन्ता एवं अन्य अधिकरियों ने अभद्र व्यवहार किया जिसकी शिकायत मौहम्मद आमिर ने उचाधिकारियों से की तो ज्ञात हुआ कि उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद के अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता व अवर अभियन्ता ने किसी अन्य व्यक्ति से हमसाज होकर छल व कपट करके उनकी संस्था द्वारा किये जा रहे निर्माण से सम्बन्धित धनराशि 60 लाख रुपए किसी अन्य व्यक्ति को अदा कर दिए।

इस बीच, 28 फरवरी 2022 को जिलाधिकारी, सम्भल ने निरीक्षण किया। उस समय सहायक अभियन्ता व अवर अभियन्ता द्वारा मौहम्मद आमिर को बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लि., मुरादाबाद के अधिकारियों ने अन्य व्यक्तियों से हमसाज होकर निर्माण सम्बन्धी धनराशि आपस में बांट ली है। इस पर मौहम्मद आमिर ने अपने अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से 29 दिसंबर 2022 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, चन्दौसी के न्यायालय में परिवाद दायर किया और रिपोर्ट दर्ज कराने की गुहार लगाई।

27 फरवरी 2023 यानि सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चन्दौसी, संभल) बबिता पाठक ने सुनवाई की और पत्रावली का अवलोकन किया और उच्चतम न्यायालय की विधि व्यवस्था प्रियंका श्रीवास्तव व अन्य व उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में दिए गए दिशा-निर्देशों के आलोक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चन्दौसी, संभल) बबिता पाठक ने उप जिलाधिकारी, संभल को आदेशित किया है कि सूक्ष्म जांच करें और स्पष्ट आंख्या 24 मार्च 2023 तक न्यायालय में प्रस्तुत करें।

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