सियासत की आड़ में हिंदुओं धार्मिक आस्था से खिलवाड़ का इससे बड़ा कोई सबूत नहीं

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। आम आदमी पार्टी ने 28 अगस्त को मुरादाबाद महानगर में भी महंगाई के खिलाफ पदयात्रा का आह्वन किया था जबकि पुलिस प्रशासन ने मुरादाबाद में धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए पदयात्रा की अनुमति नहीं दी थी बावजूद इसके आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जिला प्रभारी डॉ एपी सिंह, रुहेलखण्ड प्रान्त उपाध्यक्ष राशिद सैफ़ी, जिलाध्यक्ष नज़रुद्दीन मलिक एवं कार्यालय सचिव अजय कुमार के नेतृत्व में पदयात्रा के लिए बड़ी तादाद में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता सिविल लाइन्स स्थित डॉ. अम्बेडकर पार्क पर एकत्र हुए और कंपनी बाग स्थित गांधी प्रतिमा के लिए तक के लिए पदयात्रा शुरू की लेकिन पुलिस प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को अम्बेडकर पार्क पर ही रोक दिया और धारा 144 के हवाला देकर पदयात्रा निकालने से मना किया जिसके विरोध में कार्यकर्ता वहीं अम्बेडकर पार्क पर धरने पर बैठ गये और प्रशासन से कहा कि या तो हमें गिरफ़्तार कीजिये या पदयात्रा निकालने की अनुमति दीजिए। दावा किया किया कि काफ़ी देर की मान मनौव्वल के बाद कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की बात मानकर पुलिस प्रशासन का सहयोग किया और अपनी पदयात्रा और धरना अम्बेडकर पार्क पर ही समाप्त कर दिया।

यह सब तो ठीक है और सभी आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के सहयोग के लिए आभारी भी हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शहर में धारा 144 लगी हुई है और प्रशासन ने आम आदमी पार्टी को पदयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी तो फिर किसने कार्यकर्ताओं को डॉक्टर अंबेडकर पार्क पहुंचने के लिए कहा और इतनी बड़ी तादाद में कैसे डॉक्टर अंबेडकर पार्क में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी पहुंच गए। यही नहीं, उन्होंने पुलिस प्रशासन के सामने …की तरह ताली बजाकर नारेबाजी की और सबसे चौंकाने वाला तथ्य तो यह है कि सियासत की आड़ में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में आस्था का ऐसा अनादर किया गया जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक श्रीराम के लिए कहा गया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अफसरों की मौजूदगी में खुलेआम एक नया सियासी आपत्तिजनक नारा दिया भ्रष्टाचार का एक ही नाम जय श्री… जय श्री…!

आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यही कड़वा सच है क्योंकि हिंदुओं की आस्था से जब जो चाहे, वह खिलवाड़ कर लेता है और यह ताजा उदाहरण भी आप सबके सामने है लेकिन सबसे विचित्र बात यह है कि या तो पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आप कार्यकर्ताओं को समझाने के चक्कर में आपत्तिजनक नारे को समझ नहीं पाए या फिर जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं। फिलहाल, आप खुद देखिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस आपत्तिजनक और आस्था से खिलवाड़ के नारे को…

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