छीछालेदर: अफसरों की मौजूदगी में राष्ट्रगान के… का आजतक ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं

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उमेश लव, मुरादाबाद। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर संपूर्ण भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत गांव-गांव, शहर-शहर और गली-गली में तिरंगा यात्राएं और रंगारंग कार्यक्रम हो रहे हैं।

इससे दुनियाभर में पीतल नगरी के नाम से विख्यात मुरादाबाद भी अछूता नहीं है। यह आप और हम सभी जानते हैं मगर 13 अगस्त की दोपहर बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। 1 मिनट 11 सेकंड के वीडियो में मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी सावधान की मुद्रा में खड़े हैं। दोनों अधिकारियों के अगल बगल और पीछे भी गणमान्य खड़े हैं। इनमें अपर जिलाधिकारी के पास नेताजी खड़े हैं। सिर पर टोपी है और गले में तिरंगा रूपी पट्टिका है। जन गण मन अधिनायक जय है… अर्थात राष्ट्रगान शुरू हो चुका है लेकिन शायद नेताजी की समझ में नहीं आया और यह अगल बगल दोनों तरफ को देखते हैं। दोनों हाथ मेज पर टिके हैं।

अरे! यह क्या चेहरे पर पसीना आ गया और नेता जी का हाथ उठकर पेट तक आ गया। चलिए छोड़िए, क्यों बात का बतंगड़ बनाएं। नेताजी राष्ट्रगान कर रहे हैं, मगर ठहरिए जनाब। नेता जी यह फिर क्या करने लगे। चेहरा घुमा उत्तर की तरफ और अब नीचे की तरफ। अरे हाथ को देखिए पेट पर आ गया।वीडियो में आप नेता जी को देखते रहिए। गौर से देखिए मुंडी घूम रही है कभी इधर को, कभी उधर को और यह पूरे राष्ट्रगान के दौरान यह हो रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि यह क्यों हो रहा है… क्या नेता जी को कोई बीमारी है या फिर वह अस्वस्थ हैं।

जानकार कहते हैं ऐसा कुछ नहीं क्योंकि नेताजी सुबह से शाम तक काम ही काम करते रहते हैं, लेकिन चर्चाओं में आने के लिए गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले यह नेता जी जगजाहिर हैं। गली, मोहल्ला, शहर, जिला से लेकर लखनऊ और दिल्ली की सत्ता और विपक्ष के गलियारों तक। प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले यह समाजवादी पार्टी के रंग में रंगे हुए थे क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के सिपाही हैं और हर उस चर्चा, परिचर्चा और टीवी शो में मौजूद रहते थे। जैसे आजकल आजादी के अमृत महोत्सव में नजर आ रहे हैं।

और हां! एक बात और है इन नेताजी की जो पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से छिपी हुई है और इसके लिए प्रशासनिक खुफिया तंत्र भी कहीं ना कहीं घालमेल किए हुए हैं या फिर मुरादाबादी भाषा में कहें तो खोटा सिक्का है। अपना नाम ना बताने की शर्त पर मुगलपुरा थाने की ईट ईट के जानकार पुलिस सूत्र कहते हैं कि वक्त के साथ गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले नेता जी पहले भी कई मुकदमे में फंस चुके हैं लेकिन गधा पहलवान कहावत है जो सत्य चरितार्थ हो रही है। ऐसे में हम काहे नाराजगी मोल लें। चलिए, हम यहीं पर अपनी कलम को रोकते हैं और आगे फिर मिलेंगे ऐसे ही छीछालेदर के साथ…।

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