चाटुकारों व हवाई नवरत्नों के चक्कर में घनचक्कर हो रहे हैं अखिलेश यादव: लौटनराम निषाद
लव इंडिया, लखनऊ।भारतीय पिछड़ा दलित महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पिछड़ों, दलितों व वंचितों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।जिनके निजस्वार्थ के कारण पिछड़े अतिपिछड़े और पीछे हो गए।उन्होंने कहा कि जब तक अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे,तब तक अपने को बैकवर्ड नहीं फारवर्ड समझते रहे।इनके गलत इरादों के कारण यादव समाज नायक से खलनायक बन गया।भाजपा व आरएसएस ने यूपीपीएससी द्वारा 86 में 56 यादव एसडीएम बनाये जाने का प्रोपगंडा किया,पर अखिलेश यादव सरकार रहते भी सच्चाई न बताकर झूठ को सच साबित कराकर पिछड़ों-अतिपिछड़ों, यादवों-गैर यादवों में नफरत का जहर घोलवा दिए।सच बताया जाए तो अखिलेश यादव भावनात्मक रूप से अपने को पिछड़ा मानते ही नहीं।लोक सेवा आयोग में त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था को रेवतीरमण सिंह व रंजना वाजपेयी के कान भरने पर खत्म कर पिछड़ो दलितों की कमर तोड़ दिए।लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव को बदनाम कर दिए।
निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव सच में सामन्ती मानसिकता के नेता हैं,यह किसी भी पिछड़े वर्ग के नेता की सामाजिक व वर्गीय स्वीकार्यता को पचा नहीं पाते।परिवार या कोई बाहर का नेता प्रभावशाली न हो, सो ये भयभीत होकर पर कतर देते हैं।अखिलेश यादव चापलूसी पसन्द अपरिपक्व हारे हुए सिकन्दर हैं।ये सवर्णों ब्राह्मणवादियों से भी गलत भावना रखने वाले डरपोक किस्म के नेता हैं। अखिलेश यादव ने ओबीसी,एससी का जितना नुकसान किया,उतना किसी अन्य ने नहीं किया।सरकार बने या न बने इनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला,7 पुश्ते तो इनकी आबाद हो गयी हैं।
निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव में तनिक भी वर्गीय सोच रही होती तो ओबीसी को समानुपातिक कोटा देकर ओबीसी आरक्षण को 9 वी अनुसूची में दर्ज करा दिए होते।कहा कि अखिलेश सवर्ण मानसिकता के अतिपिछड़ा दलित वर्ग विरोधी नेता हैं।जिनके मुख्यमंत्रित्व काल में अतिपिछडों, दलितों के साथ दोयमदर्जे का बर्ताव किया गया।इनके मन्त्रिमण्डल में 7 यादव,5-5,6-6 राजपूत,ब्राह्मण,मुस्लिम कैबिनेट मंत्री थे,कुर्मी,निषाद, लोधी,किसान,कुशवाहा/शाक्य,राजभर,पाल,चमार की हैसियत कैबिनेट मंत्री बनने की नहीं थी।उन्होंने कहा कि गायत्री प्रसाद प्रजापति आज जेल में हैं,तो इसमें अखिलेश यादव की साज़िश है। 17 अतिपिछड़ी व निषाद मछुआरा जातियों को ये सिर्फ झूठा सपना दिखाकर बरगलाते रहे।
अनुसूचित जाति के आरक्षण का शासनादेश तो किये पर इनके महाधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह व इनकी सरकार ने सही पक्ष न रखकर इस समाज के साथ धोखाधड़ी किये।इनकी नियत सही रहती तो ये इन्हें समानुपातिक कोटा शिक्षा,सेवायोजन व स्थानीय निर्वाचन में देने का शासनादेश कर देते। 12 मई 1961 से मल्लाह,केवट,लोध,कहार,बंजारा,भर आदि जातियों को शिक्षा में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण विमुक्त जनजाति के नाम से मिल रहा था,जिसे अखिलेश यादव ने 10 जून,2013 को खत्म कर इन जातियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किये।जिसके कारण हजारों बच्चों का भविष्य अंधकार में चला गया,हजारों लड़के लड़कियां जो मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि के साथ अन्य शिक्षा ग्रहण कर रहे थे,अखिलेश यादव के गलत निर्णय से उनकी शिक्षा पर ग्रहण लग गया।
निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव की गलतियों के कारण ही भाजपा बार बार जीतती जा रही है।लेकिन अखिलेश यादव हैं कि चाटुकारों व हवाई नवरत्नों के चक्कर में घनचक्कर हो रहे हैं।