लखनऊ : एमबीबीएस चिकित्सकों को दिया जाएगा खास प्रशिक्षण

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प्रदेश के ग्रामीण इलाके में चिकित्सा सुविधा बेहतर बनाने की नई रणनीति बनाई गई है। अब एमबीबीएस चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेजों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में तैनाती दी जाएगी ताकि यहां आने वाली महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा सके। इसके लिए पहले चरण में 27 डॉक्टरों का चयन किया गया है।

प्रदेश के करीब 821 सीएचसी हैं। इन्हें एफआरयू के रूप में विकसित किया जा रहा है। अभी तक 60 फीसदी सीएचसी को इस श्रेणी में चिह्नित कर लिया गया है। यहां ऑपरेशन थियेटर से लेकर इमरजेंसी से जुड़ी सभी सुविधाएं विकसित की गई हैं। एफआरयू में प्रसूति रोग विशेषज्ञ, निश्तेचक, बाल रोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन एवं जनरल फिजिशियन की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। एफआरयू में प्रसूति रोग विशेषज्ञ और निश्चेतक की काफी कमी है। इसकी भरपाई के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एमबीबीएस चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेजों में छह माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रशिक्षण के लिए चयनित करते वक्त ही इन्हें एफआरयू में तैनाती भी दे दी जा रही है ताकि प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वे सीधे संबंधित सेंटर पर चिकित्सा सुविधा दे सकें। पहले चरण में चयनित चिकित्सकों में 14 को लाइफ सेविंग एनेस्थीसिया स्किल और 13 चिकित्सकों को इमरजेंसी ऑब्सट्रेटिक केयर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेष सचिव डॉ. मन्नान अख्तर ने चयनित चिकित्सकों को सूची जारी करते हुए उन्हें तत्काल संबंधित एफआरयू पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया है। यहां से इन्हें मेडिकल कॉलेजों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।

यहां दिया जाएगा प्रशिक्षण
केजीएमयू, बीएचयू के अलावा प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, मेरठ, झांसी, आगरा के मेडिकल कॉलेज में इन चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है।

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