सोशल मीडिया ने चुनाव प्रचार सामग्री के बाजार को किया मंदा, 40% पर सिमटा

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लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार सामग्री का कारोबार घटा है। अब प्रत्याशी रील्स के जरिए प्रचार करना बेहतर समझ रहे हैं। प्रचार सामग्री का व्यापार अब 40 फीसदी पर आ गया है।लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इस बार डिजिटल प्लेटफार्म का दायरा बढ़ा है। इस बदलते ट्रेंड का प्रभाव परंपरागत तरीकों से प्रचार के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रिंटिंग कारोबार पर पड़ा। प्रचार के लिए बाजार में झंडा, सीटी, बैनर और बिल्ला सहित अन्य प्रचार सामग्री की मांग तेजी से घटी है। यदि चुनाव सामग्री के थोक कारोबारी की मानें तो इस बार अभी तक कई जिलों से मांग ही नहीं आ रही है।

बस पांच वर्ष पहले की ही बात है। चुनाव कैसा भी हो, एक माह पूर्व से ही चुनाव प्रचार सामग्री के बाजार में उछाल आ जाता था। थोक कारोबारी झंडा, सिटी, बिल्ला, टोपी, टीशर्ट, महिलाओं के उपयोग के लिए पार्टी का चुनाव चिन्ह लगा बिंदी, चूड़ी सहित अन्य सामग्री का ऑर्डर दे देते थे। राजनीतिक दलों की ओर से भी पहले ही ऑर्डर मिला जाता था। प्रत्याशी अपनी फोटो के साथ पोस्टर छपवाने के लिए परेशान रहते थे।

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