Punjab National Bank: कोई बकाया नहीं के बावजूद भेजा वसूली नोटिस, अब बैंक को देने होंगे दस हजार रुपए

India Uttar Pradesh अपराध-अपराधी खाना-खजाना खेल-खिलाड़ी टेक-नेट तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति शिक्षा-जॉब


लव इंडिया, बहजोई/ संभल। ऋण अदायगी के बावजूद पंजाब नेशनल बैंक ने आप कोई बकाया नहीं का अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के बजाय वसूली नोटिस भेज दिया में आनाकानी की। इस मामले को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने गंभीरता से लिया है और पंजाब नेशनल बैंक को पांच हजार रुपए मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि और पांच हजार रुपए वाद खर्च के देने के आदेश दिए हैं।

जनपद के बहजोई थाना अंतर्गत बम्बा रोड निवासी भुवनेश कुमार ने वर्ष 2019 में अपने मकान के कागजातों पर पंजाब नेशनल बैंक से 22 लाख रुपए का ऋण लिया था। वर्ष 2021 में बैंक ने भुवनेश कुमार को बताया कि ऊपर से ऋण वसूली का आदेश है। इस कारण आप अपना समस्त ऋण जमा कर सकते हैं। इस पर भुवनेश द्वारा वर्ष 2021 में बैंक द्वारा बताई गई सभी शेष पंजाब नेशनल बैंक के ऋण खाते में जमा की और अपने द्वारा प्रतिभूति के तौर पर रखी गई बैनामे की मूल प्रति प्राप्त कर ली। मगर, बैंक द्वारा अब कोई बकाया नहीं…का अनापत्ति प्रमाण-पत्र (नोडियूज) जारी नहीं किया गया और वर्ष 2023 में पंजाब नेशनल बैंक शाखा द्वारा भुवनेश कुमार को नोटिस जारी कर 22,883 रुपए 52 पैसे की मांग की गई तो भुवनेश कुमार ने बैंक से संपर्क किया और बताया कि ॠण की समस्त धनराशि 21 लाख 61451 रुपए 11 फरवरी 2021 को ही जमा कराई जा चुकी है जिसमें मेरे 14 पैसे अधिक जमा हैं परंतु बैंक के अधिकारियों ने कोई बात नहीं सुनी।

इस पर उन्होंने उपभोक्ता मामलों के अधिवक्ता लवमोहन वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, संभल में परिवाद दायर किया। इस पर आयोग ने बैंक को तलब किया और तो बैंक द्वारा आयोग में उपस्थित होकर बताया गया कि परिवादी द्वारा समस्त धनराशि का भुगतान 2021 में किया गया है परंतु कुछ आउटस्टैंडिंग चार्ज परिवादी पर शेष है, जिनकी मांग बैंक द्वारा की जा रही है। बिना चार्ज जमा किए परिवादी को नो डियूज जारी किया जाना संभव नहीं है।

इसका उपभोक्ता भुवनेश कुमार के अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने विरोध किया और कहा कि यदि बैंक का कोई भी शेष बकाया होता तो बैंक द्वारा ऋण खाते में उसका उल्लेखित करना अनिवार्य है लेकिन ऋण खाते के विवरण में किसी प्रकार का कोई अभिलेखित नहीं किया है। ऐसी स्थिति में परिवादी से अतिरिक्त धनराशि मांग करना अनुचित है तो बैंक की ओर से बताया गया कि कलेक्शन चार्ज की मांग कर रहे हैं, वह कलेक्शन चार्ज दिलाया जाए।

इस पर अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने कहा गया कि किसी भी चार्ज के लिए बैंक जब ही उसे वसूल कर सकती थी जब खाता बंद करते समय या पूर्ण धन राशि जमा करते समय ऋण लेने वाले व्यक्ति को बताया जाता। दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष राम अचल यादव व सदस्य आशुतोष और नमिता दुबे ने बैंक के ऋण उपभोक्ता के अधिवक्ता के तर्को को सही माना और अपने आदेश में कहा कि पंजाब नेशनल बैंक का छह मई 2023 का वसूली नोटिस निरस्त किया जाता है और मानसिक व आर्थिक क्षति के तौर पर पांच हजार रुपए और वाद व्यय के भी पांच हजार रुपए बैंक को अदा करने होंगे साथ ही, एक माह के अंदर नो डियूज प्रमाण पत्र भी पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी किया जाए। आयोग का यह आदेश 10 अप्रैल का है जबकि इसकी सत्य प्रति 15 अप्रैल को जारी की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *