निलंबन पर्याप्त नहीं, मुकदमा होना चाहिए: मुहम्मद अहमद
लव इंडिया, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के वाईस चेयरमैन मुहम्मद अहमद ने दिल्ली उप राज्यपाल को पत्र भेज कर कहा कि पुलिस एक धर्म निरपेक्ष संगठन है। पुलिस को सभी को बराबरी से देखना का प्रशिक्षण दिया जाता है।
मालूम हो कि उत्तरी दिल्ली जिले के इंद्रलोक में नमाज में बाधा डालने और नमाजियों पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी द्वारा उत्तरी दिल्ली जिले के इंद्रलोक में हुई एक बेहद शर्मनाक घटना जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल है जिसमें एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को नमाज के दौरान नफरती अंदाज मे नमाजियों को ठोकर मारता मारपीट करता और गंदी गली देता दिख रहा है।
इस घटना मे क़ानून का रखवाला एक नफरती और अपराधी की भूमिका निभाता दिख रहा है। यह घटना भारत जैसे लोकतान्त्रिक एवं धर्म निरपेक्ष देश मे चिंताजनक एवं निंदनीय है जुमे की नमाज़ में शामिल व्यक्तियों के साथ क्रूर व्यवहार और नमाजियो पर शारीरिक हमला किया जाना उनके गुप्तागों पर ठोकर मारना जैसी घटना से दिल्ली पुलिस का मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरती चेहरा उजगार होता और वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा भी खराब होती है। कानून और व्यवस्था के संरक्षक के रूप में,पुलिस अपना कर्तव्य निभाने के बजाय धार्मिक मामलों मे नफरत फैलाने का काम कर रही है इस घटना से व्याप्त खतरनाक मुस्लिम विरोधी माहौल बहुत चिंता का विषय है जिसकी ज़िम्मेदार दिल्ली पुलिस है।
मुहम्मद अहमद ने मांग की है कि सब इंस्पेक्टर मनोज तोमर के विरुद्ध धार्मिक उन्माद फैलाने देश के भाईचारे को खतरे मे डालने अल्लाह की इबादत जुम्मे की नमाज़ पढ़ रहे लोगों की इबादत मे खलल डालने नमाज़ियों के गुप्तांग पर ठोकर मारने मारपीट करने एवं समुदाय विशेष के नाम से गंदी गंदी गली देने के अपराध की धाराओं मे मुकदमा पंजीकृत करना चाहिए इस प्रकरण मे निलंबन पर्याप्त नहीं है बल्कि मुक़दमा भी दर्ज किया जाना चाहिए था। पुलिस एक धर्मनिरपेक्ष संगठन हैं। पुलिस को सभी को बराबरी से देखना का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसलिए इस मामले में आपकी तत्काल और निर्णायक कार्रवाई से न्याय प्रणाली में पीड़ितो का विश्वास बहाल हो सके और संबंधित पुलिस अधिकारी के कार्यों के लिए ना सिर्फ जवाबदेही सुनिश्चित हो बल्कि गुनहगार को सजा भी मिल सके।