वाराणसी में बोले पीएम मोदी- बाबा विश्वनाथ जो चाह लेते हैं, उसे क्या कोई रोक पाता है

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वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी में 10 साल में विकास का डमरू बजा है. बाबा जो चाह जालन ओके के रोक पावेला (बाबा विश्वनाथ जो चाह लेते हैं, उसे क्या कोई रोक पाता है).

आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता में भाग लेने वालों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है. ये दृश्य विश्वास दिलाता है कि अमृतकाल में आप सभी युवा देश को नई उंचाई पर ले जाएंगे.

पांच-पांच प्रमुख प्रतिभागियों को सम्मानित करने के बाद पीएम ने कहा कि काशी सर्वविद्या की राजधानी है. काशी का स्वरुप फिर से संवर रहा है. यह पूरे भारत के लिए गौरव की बात है. मैं सभी विजेताओं को उनकी परिश्रम, और प्रतिभा को बधाई देता हूं. जो चूक गए उनका भी अभिनंदन करता हूं. आप में से कोई भी साथी हारा नहीं है न ही पीछे रहा है. आप इस भागीदारी के जरिए कई कदम और आगे आए हैं. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला हर कोई बधाई का पात्र है. मैं सभी विद्वानों का भी आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में काशी में जो विकास हुए हैं, उसके हर पड़ाव, उसका सांस्कृतिक इतिहास इस किताब में लॉन्च करता हूं. काशी में करने वाले महादेव और उनके गण हैं. जहां महादेव का कृपा हो जाला, महादेव के आशीष के साथ, 10 वर्षों में चारों और विकास का डमरु बजा है. आज एकबार फिर काशी के लोगों के लिए करोड़ों रुपये का लोकार्पण होना है. 10 वर्षों में विकास की गंगा ने विकास को सींचा है. काशी कितनी बदली है वो आप सभी ने देखा है. यही महादेव की कृपा की ताकत है. यही काशी का सम्मान है.

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