टीएमयू में बुधवार को जुटेंगे देश के जाने-माने शिक्षाविद्

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लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में इंडियन नॉलेज सिस्टम- आईकेएस के सेंटर का 24 मई यानी बुद्धवार को पवेलियन के सामने दोपहर सवा बजे श्रीगणेश होगा।

इससे पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर की वाइस चांसलर डॉ. रेनू जैन बतौर मुख्य अतिथि, जबकि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के फॉर्मर प्रो वाइस चांसलर एंड पदम भूषण प्रो. कपिल कपूर बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर ऑनलाइन, कुलाधिपति सुरेश जैन, कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, सेंटर ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम, टीएमयू के प्रोफेसर चेयर प्रो. अनुपम जैन, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन आदि प्रातः 11:05 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम के प्रथम सत्र का शुभारम्भ करेंगे। सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत होगा। टीएमयू के प्रोफेसर चेयर प्रो. अनुपम जैन स्वागत भाषण देंगे। इसके बाद कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह भी स्टुडेंट्स को संबोधित करेंगे। प्रातः 11: 30 बजे ब्रॉशर रिलीज होगा। पूर्वाहन 11: 35 बजे कुलाधिपति सुरेश जैन अपने आशीर्वचन देंगे।

दूसरी ओर विश्वविद्यालय के जीवीसी मनीष जैन और कार्यपालक निदेशक अक्षर जैन बोले, टीयू में आईकेएस केंद्रित हमारे परिदृश्य को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मेडिकल एलटी-02 में 11:40 बजे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के फॉर्मर समर्थक चांसलर और पदम भूषण प्रो. फिल्म कैप्चर जज गेस्ट ऑफ ऑनर ऑनलाइन अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, सड़क के चांसलर डॉ. रेनू जैन कनेक्शन के मुख्य अतिथि अपना सदस्य होंगे। दोपहर 12:35 बजे इंटरेक्शन सेशन होगा। सभी सदस्यता को स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा। फिर से डॉ. आदित्य शर्मा वोट ऑफ थैंक्स देंगे, जबकि अंत में राष्ट्रगान के साथ प्रथम सत्र का समापन होगा।

उल्लेखनीय है, भारतीय ज्ञान प्रणाली के केंद्र की स्थापना के तहत पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण, पुनरुद्धार और एकीकरण, अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देना, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना, व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाना, सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाना और वैश्विक ज्ञान और टिकाऊपन में योगदान करना आदि शामिल है।इंडियन नॉलेज सिस्टम के चेयरपर्सन प्रो. अनुपम जैन कहते हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी- 2020 केे अन्तर्गत भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण, विश्लेषण एवं पुनर्जीवन पर जोर दिया गया है। हजारों वर्षांे पूर्व लिखित पाण्डुलिपियों में सुरक्षित अथवा गुरु-शिष्य परम्परा से प्राप्त अलिखित ज्ञान हमारी अमूल्य निधि है, भारतीय ज्ञान परम्परा का गौरव है।

इस अमूल्य निधि से भावी पीढ़ी को रूबरू कराने के भाव से तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद में आईकेएस- इंडियन नॉलेज सिस्टम सेंटर की स्थापना हो रही है। इस केन्द्र के माध्यम से हम भावी पीढ़ी को ज्ञान-विज्ञान के विविध क्षेत्रों में भारतीय मनीषियों के योगदान की जानकारी दे सकेंगे। टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन कहती हैं, आईकेएस का केंद्र अकादमिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक संरक्षण की हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। प्रो. जैन ने उम्मीद जताई, यह केन्द्र समग्र शिक्षा के पोषण, अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने और भारतीय विरासत के गहन ज्ञान की प्रतिबद्धता के प्रति एक वसीयतनामा के रूप में कार्य करेगा।

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