fortified rice: शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी को करता है पूरा

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लव इंडिया, सम्भल। जनपद में खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड चावल का वितरण भारत सरकार की पहल के तहत राशन दुकानदारों की भूमिका और जिम्मेदारियां फोर्टीफाइड चावल से संबंधित जानकारियां प्रत्येक लाभार्थी को देकर निम्न बातों पर चर्चा करने के आदेश दिए तथा चावल हेतु भंडारण रखरखाव के भी राशन दुकानदारों को निम्न बिंदुओं दर्शाते हुए चावल सुरक्षित स्थान पर रखने के आदेश दिए जो बिंदु निम्न प्रकार हैं गुणवत्ता स्वाद एवं स्वास्थ्य संबंधित लाभ प्रत्येक लाभार्थी को फोर्टीफाइड चावल का नमूना जरूर दिखाएं प्रत्येक लाभार्थी को जरूर बताएं अधिकतम लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पानी में जरूर पकाएं और बचे हुए पानी को ना फेंके फोर्टीफाइड चावल स्वास्थ्यवर्धक है इसमें निम्न तथ्य पाए जाते हैं जैसे लौह… यह खून की कमी को रोकता है। फोलिक एसिड यह भूण विकास और खून निर्माण में सहायक है। विटामिन बी 12 खून के निर्माण और नर्वस सिस्टम के सामान्य कामकाज में सहायक है। भंडारण हेतु खास निर्देश निम्न बिंदुओं के तहत दिए गए 45 या 1 को साफ सुथरी जगह में रखें इसे सीधे सूरज की रोशनी में ना रखें सुनिश्चित करें दीवारें सीलन रहित हो दीवारों पर रंग लाई पुताई अच्छी तरह हो फोर्टीफाइड चावल लकड़ी के स्टैंड पर रखा हूं स्टैंड पर न होने पर नमी रहित फ्लोर कवर जैसा कि पॉलिथीन त्रिपाल सीटिंग का इंतजाम हो लाभार्थी को चावल देने के बाद अगर चावल बचा हो तो उसे खुला न छोड़ें उसमें से हवा निकालकर रस्सी से अच्छी तरह बांधकर कोने में रख दे इसके अलावा स्टॉक रजिस्टर पहले की तरह निमित्त भरते रहने की जिम्मेदारियां बरकरार रखें।


समस्त उचित दर विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि वह अपनी दुकान से संबद्ध कार्ड धारकों को यह अवगत कराएं कि थैलीसीमिया से पीड़ित लोग डॉक्टर की देखरेख में ही फोर्टिफाइड चावल का उपयोग करें और सिकल सेल एनीमिया के रोगी फोर्टिफाइड चावल का उपयोग ना करें

फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल

इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं. Fortified rice को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है. Fortified rice देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते हैं. इनका स्वाद भी बेहतर होता है. भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर FSSAI के मुताबिक Fortified rice खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

फोर्टिफाइड राइस कैसे तैयार किया जाता है?फोर्टिफाइड चावलों को मिलों में बनाया जाता है. इस दौरान इनमें सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन (उत्सारण) जैसी तकनीक अमल में लाई जाती हैं. पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. पानी के साथ इन्हें अच्छे से मिक्स किया जाता है. फिर मशीनों की मदद से सुखाकर इस मिक्स्चर को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहा जाता है. तैयार होने के बाद इन्हें आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के नियम कहते हैं कि इसे 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है, मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाए जाते हैं.

फोर्टिफाइड राइस में कौन से पोषक तत्व होते हैं?

एक किलो फोर्टिफाइड राइस (Fortified rice) में आयरन (28-42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके साथ ही FSSAI ने जिंक (10-15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी) विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की है. एक बार तैयार होने के बाद Fortified rice को 12 महीने तक खाया जा सकता है.

फोर्टिफाइड चावल को कैसे पहचानें?

फोर्टिफाइड चावल की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होती. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकेट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावल को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावल की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.

फोर्टिफिकेशन का मतलब किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स

भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी के मुताबिक फोर्टिफिकेशन का मतलब किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का मिलावट करना है. इससे उस खाद्य पदार्थ की पोषक क्षमता बढ़ जाती है और स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को कम करते हुए लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाने की पहल की जाती है.आपने तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के जरिए पोषक तत्व तो खूब अवशोषित के होंगे, लेकिन क्या आर्टीफीशियल पोषक तत्वों (Artificial Nutrients) का सेवन किया है। क्या आप जानते हैं फूड फॉर्टिफिकेशन (Food Fortification) और फॉर्टीफाइड फूड (Fortified Food) क्या है। इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं। सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे कि आर्टीफीशियल तरीके से पोषक तत्व कैसे डाले जाते हैं, लेकिन इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है। इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड करते समय इनमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि फूड फॉर्टीफिकेशन क्या है और फॉर्टीफाइड फूड किन वर्गों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। शरीर में किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए फूड फॉर्टिफिकेशन एक बहुत ही अच्छा तरीका माना जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी के कारण बहुत से लोग बीमार होते हैं और मृत्यु को प्राप्त होते है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में करीबन दो अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी का शिकार होते है।

आम चावल और फोर्टिफाइड में फर्क कैसे करें?

खाद्य मंत्रालय का मिलों को निर्देश है कि फोर्टिफाइड चावलों की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकिट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावलों को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावलों की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.

फोर्टिफाइड चावल खाने से क्या फायदा होता है?

फोर्टिफाइड चावल में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 से 42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75 से 125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75 से 1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके अलावा FSSAI ने जिंक (10 से 15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी). विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की हैं. एक बार तैयार होने के बाद इसे 12 महीने तक खाया जा सकता है.

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