मध्य प्रदेश में अपनों के बीच वर्चस्व की जंग, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का छलका दर्द.

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मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र में मंत्री रह चुकीं भाजपा की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती ने एकबार फिर इशारों में भाजपा के अंदर अपने विरोधियों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान उनकी तस्वीर दिखाकर वोट मांगे जाते हैं। उमा ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि वो कभी मेरे कहने या मेरी तस्वीर को देखकर वोट न करें। उन्हीं को वोट करें, जिसने आपका सम्मान रखा हो, जिसने आपको उचित स्थान रखा हो। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि मैं पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं, इसलिए मैं भाजपा के लिए वोट मांगूंगी। लेकिन आप अपना हित देखकर वोट करना, क्योंकि आप निष्ठावान सिपाही नहीं हैं। इस बयान ने मध्य प्रदेश भाजपा में हलचल मचा दी है। जानकारी के मुताबिक, उमा ने यह बयान पिछले कुछ दिनों पहले लोधी-लोधा समाज युवक-युवती परिचय सम्मेलन के दौरान दिया था।


कभी नहीं कहती लोधी समाज को वोट करो…..

भाजपा की कद्दावर नेताओं में गिनी जाने वाली उमा भारती ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी। लोगों का वोट भी मांगूंगी। मैं कभी नहीं कहती लोधियों तुम भाजपा को वोट करो।
मैं तो सबको कहती हूं कि भाजपा को वोट करो, क्योंकि मैं पार्टी की निष्ठावान सिपाही हूं। मैं आपसे नहीं कहती कि आप पार्टी के निष्ठावान सिपाही रहो। आपको अपने हित देखना है। आप राजनीतिक बंधन से आजाद हैं।


उमा भारती ने ताकत का कराया लोधी समाज को अहसास……

लोधी समाज से आने वाली उमा भारती समाज को उसके राजनैतिक हैसियत का अहसास भी कराती नजर आईं। उन्होंने कहा कि एमपी में विधानसभा की 50 सीटें ऐसी हैं, जहां लोधी मतदाताओं का प्रभाव है। जिनमें से 27 में आप जिसको चाहे जितवा सकते हैं।
यूपी में ऐसी सीटों की संख्या 70 है। उमा ने आगे कहा कि एमपी, यूपी और राजस्थान को जोड़ दिया जाए, तो 30-40 लोकसभा सीटों पर लोधियों का आधिपत्य है। हर बार आपको चुनाव के दौरान फोटो दिखा दिया जाता है, उमा भारती और यूपी के दिवंगत सीएम कल्याण सिंह का। ऐसे में आपका दिल आ जाता है कि हमारे नेता जिधर हैं, हम भी उधर हैं। नहीं, ऐसा आपको नहीं करना है, आपको अपने अधिकार एवं शान के लिए लड़ना है।

उमा भारती को अभी भी सीएम की कुर्सी जाने का दर्द….…

उमा भारती का सीएम की कुर्सी जाने का दर्द भी छलक उठा। उन्होंने कहा कि एक बात ध्यान रखना, मैंने बीजेपी नहीं छोड़ी थी, बल्कि मुझे निकाला गया था। यहां सरकार बनाने की किसी की औकात नहीं थी। इसलिए सब कुछ पहले से डिजाइन किया गया था कि पहले इससे सरकार बनवा लो, फिर इसको निकाल दो।
बता दें कि उमा भारती ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में 10 सालों से सत्ता में जमीं कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को विराट बहुमत से उखाड़ फेंका था। लेकिन उमा अधिक दिनों तक सीएम की कुर्सी पर नहीं रह पाईं और अदालत से 10 साल पुराने एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के कारण उन्हें अगले ही साल 2004 में इस्तीफा देना पड़ा था।


उमा के बयान पर सफाई देने में जुटी भाजपा……

पूर्व सीएम उमा भारती के बेबाक बोल ने भाजपा को एकबार फिर बचाव के मुद्रा में ला दिया है। बता दें कि इस साल जिन 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। उमा का बुंदेलखंड इलाके में अच्छा प्रभाव माना जाता है। ऐसे में उनकी नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है।

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