छापा-मार करवाई के बीच ‘छोटे साहब’ ने मिची ‘कृपा की आंखें’ और ऑपरेशन थिएटर समेत खुला अवैध Unique Hospital

Uttar Pradesh अपराध-अपराधी खाना-खजाना

लव इंडिया, मुरादाबाद। हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं यह कहावत स्वास्थ्य विभाग पर पूरी तरह से सटीक बढ़ती है क्योंकि यहां सब कुछ उल्टा पुल्टा है तभी तो दिन-रात चल रही छापामारी के बीच अवैध अस्पताल दोपहर में बंद होते हैं और रात में खुल जाते हैं। कोई यही कारण है कि आम आदमी के स्वास्थ्य खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप अस्पताल कुकुरमुत्ता की तरह उग रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण धारकनगला का यूनिक हॉस्पिटल है। यहां पर झोला छाप ऑपरेशन तक कर रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग उपरोक्त कहावत के बीच तथाकथित कर्तव्यनिष्ठा के मार्ग पर चल रहा है।

मामला भोजपुर थाना क्षेत्र के धारकनगला स्थित यूनिक हॉस्पिटल से जुड़ा है। इस हॉस्पिटल की हम बात करे तो सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं है और कोई प्रशिक्षित चिकित्सक भी यहां नही प्रैक्टिस करते है। एक फार्मसिस्ट इसका संचालक है जिसका नाम महबूब है। मजेदार बात यह है कि इस अपंजीकृत हॉस्पिटल को नोडल अधिकारी का आर्शिवाद प्राप्त है। इसी कारण बिना पंजीकरण के इस अस्पताल में बिना आक्सीजन के ही मरीजों के ऑप्रेशन किये जाते है। न कोई बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की ठोस व्यवस्था है और न ही पैरामेडिकल स्टाफ है सिर्फ नोडल अधिकारी के भरोसे इस अपंजीकृत अस्पताल में मरीजों की जिंदगी से झोलाछाप डाक्टर खिलवाड़ कर रहे है।

इस हॉस्पिटल के बाहर एक मेडिकल भी संचालित है जिस पर प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा रखा। यानि नशे के सिरप और मेडिसिन बड़े पैमाने पर यहां से नशेड़ी खरीदते है। जब इस संबंध में संचालक महबूब से पूछा गया तो उसने बताया कि जब तक स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्ट अधिकारी है तब तक झोलाछाप डाक्टर अपंजीकृत अस्पताल चलाते रहेंगे। तीन दिन पहले ही सीएमओ दफ्तर से एक कर्मचारी आया था और सुविधा शुल्क लेकर गया है। जब सईया बहे कोतवाल तो डर किस बात का!

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