यूपी एसएसएफ में 5124 पदों का सृजन, बिना वारंट के गिरफ्तारी का है अधिकार

Uttar Pradesh अपराध-अपराधी

लव इंडिया, लखनऊ । मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी एसएसएफ के 5124 पदों के सृजन की मंजूरी दे दी। इसके साथ ही जल्द ही इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मालूम हो कि यूपी एसएसएएफ बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है।

यूपीएसएसएफ राज्य में महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उसके पास होगी। यूपीएसएसएफ के पास बिना वारंट गिरफ्तारी और तलाशी का भी पॉवर रहेगा। बिना सरकार की इजाजत के एसएसएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट भी संज्ञान नहीं लेगी।मुख्यालय व पांच वाहिनियों के लिए पद की हुई घोषणाउत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा और सहारनपुर में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल यूपीएसएसएफ की बटालियन गठित कर दी हैं।

उत्तर प्रदेश में आतंकी खतरे को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सचिवालय समेत सभी संवेदनशील शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की जरूरत की बात कही थी। इसी के मद्देनजर बुधवार को गृह विभाग ने मुख्यालय के लिए 87 पद और पांच वाहिनियों के लिए 5037 पद ( कुल 5124) पद सृजन की मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 जून 2020 में कोर्ट, प्रमुख धार्मिक स्थलों, प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए यूपीएसएसएफ का गठन की मंजूरी दी थी।

यूपी एसएसएएफ बिना वारंट कर सकेगी गिरफ्तार

यूपी एसएसएफ अपराधी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकेगी। बस शर्त यही है कि उसे यह विश्वाश हो कि उसके पास यह वजह हो कि उसने अपराध किया है। इसके साथ ही एडीजी स्तर का अधिकारी यूपी एसएसएफ का मुखिया रहेगा और इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। यूपीएसएसएफ अलग अधिनियम के तहत काम करेगी। बिना सरकार की इजाजत के एसएसएफ के अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ अदालत भी संज्ञान नहीं ले सकेगी।

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