मैं झोलाछाप जरूर लेकिन गर्भपात करने की स्पेशलिस्ट हूं : गीता सैनी

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लव इंडिया, मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही सूबे में भ्रूणहत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम और अभियान चला रही हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में आज भी बड़े पैमाने पर खुलेआम अवैंध क्लीनिकों पर भ्रूणहत्याएं हो रहीं है। जिसका उदाहरण मुरादाबाद के थाना भोजपुर का गांव इस्लाम नगर है। जहां पर हाइवे किनारे क्लीनिकों पर प्रतिदिन दो-चार गर्भवती महिलाओं के गर्भपात औजारों के सहारे होते है और सीएमओ जानकर भी इन भ्रूणहत्याएं को होता देख रहे है।

सरिता जिसकी जान पर बन आई

जी हा! आप चौकिए मत, हम आपको उस झोलाछाप महिला की कहानी बता रहें है जो खुद को गर्भवती महिलाओं की सफाई कराने में स्पेशलिस्ट समझती है। वह खुद ये बात स्वीकार करती है कि उससे बेहतर औजारों के जरिये कोई ओर महिला भ्रूणहत्याएं नहीं कर सकती है। इसलिए इस्लाम नगर में ही नहीं वह भोजपुर के आसपास गांवों में भी वह घर -घर गर्भवती महिलाओं की सफाई करने जाती है।

डिलारी – भोजपुर सर्किल में अधिकांश युवती डा. गीता सैनी से ही ये हुनर सीखी है और अपना क्लीनिक ( कत्लखाना) खोलकर बैठी है। वैसे तो डा. गीता सैनी विकलांग है लेकिन उसने अपनी पकड़ शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों में बना रखी है वो इसलिए कि यदि कोई केस बिगड़ जाए तो साठगांठ करके वह खुद को बचा लेती है।

स्वयंभू डॉक्टर गीता सैनी और इसी ने किया था गर्भपात

अभी हाल फिलहाल में डा. गीता सैनी ने बीते शनिवार को भोजपुर क्षेत्र की रहने वाली गर्भवती महिला का गर्भपात औजारों के माध्यम से खुद किया। सफाई करते समय गीता सैनी से महिला के गर्भ गर्भाशय में औजारों से कट लग गया तो सरिता नामक महिला को खून बहने की बड़ी समस्या पैदा हुई तो झोलाछाप महिला ने समझा बुझाकर अपने क्लीनिक से महिला और उसके परिजनों को टरका दिया। जब खून नही रुका तो पति ने गीता सैनी से शिकायत करनी चाहिए तो उसने अपनी गलती मनकुआ में संचालित मेडिकल संचालक मुकीम पर थोप दी।

गीता का कहना था कि मुकीम ने अपनी मेडिकल से सरिता को सफाई करने की दवाई बिना डाक्टर की अनुमति के खिलाई थी। जब इस संबंध में संवाददाता ने फोन पर मुकीम से बातचीत की तो उसने बताया कि मैनें कोई दवाई नही दी बल्कि इस्लाम नगर में खुला गीता सैनी के अस्पताल पर ही औजार लगने से सरिता को खून बहने की समस्या बड़ी है।

इस्लामनगर और मनकुआं में नहीं है विज्ञापन का असर

पति ने पत्नी की जान बचाने के लिए आशियाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती करके डा. अभिषेक धवन और डा. श्रेया से ऑप्रेशन कराया। डा. अभिषेक धवन ने मीडिया को बताया कि औजारों के माध्यम से अनट्रेंड महिला ने सफाई करनी चाहिए थी लेकिन भ्रूण को आधा काटकर बाहर निकाल दिया गया और आधा छोड़ दिया गया जिसका ऑप्रेशन के समय साफ किया गया है। यदि समय पर ऑप्रेशन नही होता तो महिला का बचना मुश्किल था। अब महिला भविष्य में मां बन सकेंगे या नही ये आने वाला समय बताएगा।

काफियाबाद की सरिता ऐसी अकेली महिला नही है जिसकी जान बन बन आई। गीता सैनी के अवैंध अस्पताल पर आए दिन गर्भवती महिलाओं की सफाई और नॉर्मल डिलीवरी होती रहती हैं जिस कारण गीता सैनी ने जो खुद को स्पेशलिस्ट बताते हैं उन्होंने अनगिनत महिलाओं की जान से अब खिलवाड़ किया है।

कहां है उत्तर प्रदेश सरकार के मुखबिर

ऐसा नही है कि इसकी भनक मुरादाबाद के सीएमओ डा. एमसी गर्ग या नोडल अधिकारी डा. संजीव बेलवाल को नहीं है। फिर भी वह डा. गीता सैनी के अवैंध अस्पताल को सील करने और उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराने से हमेशा कतराते रहें है इसी बात से उनकी भूमिका संदिग्ध है जिसकी जांच जिलाधिकारी को करानी चाहिए?

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