सीता रसोई बरेली में 10 रुपए में आत्म सम्मान के साथ गरीबों को कराती है भोजन

निर्भय सक्सेना, बरेली। बरेली के कुछ समाज सेवी लोगों ने गरीबों को भोजन करने का मन बनाया और उनके इस पुनीत कार्य में उनके साथ और भी समाजसेवी जुड़ गए। लगभग 6 वर्ष पूर्व 6 दिसंबर 2019 को रामपुर गार्डन में “सीता रसोई” के नाम की संस्था के जरिए 60 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था मात्र 10 रुपए में शुरू की गई जो कुछ समय में ने ही 300 लोगो तक पहुंच गई थी।

गरीबों से 10 रुपए लेने का तात्पर्य यह है कि उनका भी आत्म सम्मान बना रहे और वह हीन भावना से ग्रस्त नहीं हों। अब सीता रसोई चाय वितरण, वस्त्र वितरण, किताब वितरण, रिश्ता सेवा जैसे प्रकल्प भी निरंतर चल रहा है। बरेली मंडल में सीता रसोई का नाम समाजसेवा में अग्रणी हो गया है।

सीता रसोई का डिस्पेंसरी के जरिए रोगों का उपचार सेवा चलाने का भी विचार है । बरेली के व्यापारी प्रभात अग्रवाल उनकी पत्नी प्रतिभा अग्रवाल ने समाजसेवा के जरिए समाज को कुछ वापस देने का मन बनाया। उनके इस विचार को राजा चावला, पंकज अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, विजय वाठला आदि ने आगे बढ़ाया। इसके बाद बरेली में सीता रसोई समिति का पंजीकरण कराया।

इसमें पंकज अग्रवाल अध्यक्ष, राजा चावला उपाध्यक्ष, रमेश अग्रवाल सचिव, प्रभात अग्रवाल कोषाध्यक्ष एवं विजय वाटला को संयोजक बनाया गया। पद को नाम का ही है पर सभी अपने को सेवादार ही बताते हैं। रामपुर गार्डन चौराहे के समीप एक प्लॉट स्वामी के सहयोग से उनके स्थान पर सीता रसोई का संचालन प्रारंभ हुआ। उस समय लगभग 60 लोगों को प्रतिदिन 10 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता था।

कोविड काल में सीता रसोई की ओर से लगभग 1000 पैकेट प्रतिदिन विभिन्न मजदूरों की बस्तियों में जाकर बांटे जाते थे। इसके साथ ही वस्त्रों का भी वितरण शुरू किया गया। गर्मी शुरू होते ही प्रतिदिन लगभग 1 हजार गिलास शरबत संस्था के द्वारा लगभग 4 महीने बांटा जाता है। आज बरेली के लगभग 6 हजार परिवार इस संस्था से जुड़ चुके हैं। जो कि तन मन धन से संस्था को चलाने में मदद करते हैं।

उनके द्वारा दी गई सहायता राशि और सामान से ही संस्था इतना बड़ा कार्य कर पाती है। 50 सेवादार लगातार इस संस्था का कार्य भार सुचारू रूप से चलने के लिए प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की सेवा देते हैं। संस्था मैं 80% लोग सीनियर सिटीजन है जो कि सेवा करके समाज को कुछ ना कुछ वापस करना चाहते हैं और समाज की भलाई के लिए निरंतर अग्रसर रहते हैं।

सीता रसोई संस्था का कार्य इतना पारदर्शी है कि लोग उसको देखकर स्वयं संस्था से आकर जुड़ जाते हैं सीता रसोई की जन सेवाओं को देखते हुए पार्षद राजेश अग्रवाल ने नगर निगम के मेयर से वार्ता कर सीता रसोई के लिए नगर निगम बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराकर बिजली घर के समीप जमीन उपलब्ध कराई। जिस पर सीता रसोई समिति ने अस्थाई टीन शेड का निर्माण किया तथा भोजन वितरण का कार्य शुरू किया।

इसका पूजन कार्यक्रम में 9 जून 2022 को मेयर उमेश गौतम एवं समाज के प्रमुख लोग शामिल हुए। इसी ऑफिस में वस्त्र वितरण, पुस्तक बैंक, रिश्ता सेवा जैसी सेवाएं दी जा रही हैं। सीता रसोई अब इस नए स्थान पर लगभग 500 से 600 लोगों को प्रतिदिन थाली में ताज़ा एवं पौष्टिक भोजन 10 रुपए में उपलब्ध कराती है।

समिति संचालन में होने वाला खर्चा जन सहयोग से पूरा होता है। इसके साथ ही सीता रसोई समिति ने जन सहयोग से कपड़ा और बुक बैंक संचालित कर रही है और जरूरत मंद लोगों को निःशुल्क किताब एवं वस्त्र देती है। विगत वर्षों में कई लाख रूपए मूल्य की पुस्तक विभिन्न स्कूलों के बच्चों को यहां से मिल चुकी हैं । यह पुस्तक उन कक्षाओं को पास कर चुके छात्रों द्वारा समिति को दी गई थी।

समिति ने शहर में कई स्थानों पर वस्त्र संग्रह केंद्र भी बनाए हुए हैं। वहां से प्राप्त कपड़ों को ठीक करा कर गरीबों की बस्तियों के समीप कैंप लगाकर भी वितरण किया जाता है। प्रतिवर्ष संस्था के द्वारा लगभग ढाई लाख वस्त्रो का वितरण किया जाता है गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में लोगों को उनके साइज के कपड़े मिल सके। समिति का एक विशेष कार्य गरीब वर्ग की कन्याओं की शादी में आवश्यक सामान उपलब्ध कराना भी है।

आर्य समाज अनाथालय की कुछ बेटियों की शादी में सीता रसोई समिति ने घरेलू प्रयोग का उनको सारा सामान जन सहयोग से दिया गया । अनेक गरीब बच्चों को उनके पूरे वर्ष की स्कूल फीस समिति द्वारा दी गई। सर्दी के मौसम में समिति द्वारा 500 कप चाय और रस का वितरण रोजाना किया जाता है। इस पूरे संचालन की एक विशेष बात यह भी है की विभिन्न कार्यों के लिए आर्थिक जन सहयोग निरंतर मिलता रहता है।

समिति में अध्यक्ष पंकज अग्रवाल राजा चावला प्रभात अग्रवाल आर सी अग्रवाल के साथ विजय वाठला, संस्था के संचालन की व्यवस्था देखते हैं तथा लगभग 50 सेवादार संस्था के संचालन में मदद करते हैं सेवादार राजा चावला एवं विजय वाठला बताते हैं प्रति माह 20 से 25 भोजन की बुकिंग जन्म दिवस, विवाह वर्षगांठ आदि के रूप में समाज के लोगो के सहयोग से हो जाती है जिसमें जनता का भी काफी सहयोग मिलता है ।

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