GST: अब बड़ी कंपनियों के खिलाफ जांच के लिए पहले लेनी होगी मंजूरी, जानिए क्यों बना यह नियम?

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अब जीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारी किसी भी बड़े औद्योगिक घराने या प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ सीधे जांच नहीं शुरू कर पाएंगे। अगर कोई गड़बड़ी और जांच की जरूरत नजर आती है तो उन्हें पहले अपने क्षेत्रीय प्रधान मुख्य आयुक्त से मंजूरी लेनी होगी। यह मंजूरी उन्हें पहली बार वस्तुओं/सेवाओं पर शुल्क लगाने के लिए भी लेनी पड़ेगी। आइए जानते हैं कि यह नियम क्यों बनाया गया है।

सीबीआईसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, जब एक करदाता की जांच राज्य जीएसटी और डीजीजीआई अधिकारी कर रहे हैं, तो प्रधान आयुक्त इस संभावना पर विचार करेंगे कि करदाता के संबंध में सभी मामलों को एक कार्यालय द्वारा आगे बढ़ाया जाए। दिशानिर्देशों में कर अधिकारियों के लिए जांच शुरू होने के एक साल के भीतर जांच पूरी करने की समय सीमा भी तय की गई है।

सीबीआईसी ने आगे कहा कि किसी सूचीबद्ध कंपनी या पीएसयू के संबंध में जांच शुरू करने या उनसे विवरण मांगने के लिए सीजीएसटी अधिकारियों को इकाई के नामित अधिकारी को समन भेजने के बजाय आधिकारिक पत्र जारी करना चाहिए। बोर्ड ने कहा कि इस पत्र में जांच के कारणों का विवरण देना चाहिए और उचित समयावधि में दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की मांग करनी चाहिए।

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