Buddhist Jan Kalyan Samiti ने किया बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

लव इंडिया, मुरादाबाद। बौद्ध जनकल्याण समिति ने बिहार सरकार के विरोध में सिविल लाइंस स्थित अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि महाबोधि महाविहार बोधगया, जिला- गया बिहार प्रदेश (भारत) को हिंदू ब्राह्मण से मुक्त कराने हेतु पूज्य भिक्षुओ द्वारा शांतिपूर्ण किए जा रहे देशव्यापी जनआंदोलन का जनपद मुरादाबाद के सभी सामाजिक एवं धार्मिक संगठन सहर्ष समर्थन करते हैं तथा बिहार पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे निर्दोष भिक्षुओं पर किए जा रहे अमानवीय अत्याचार की घोर निंदा करते हैं, क्योंकि महाबोधि महाबिहार पर ब्राह्मणों का अवैध कब्जा है और यह अवैध कब्जा ब्राह्मणों ने कानून बनाकर कराया है तथा महाबोधि महाविहार टेंपल एक्ट 1949 बनाकर ब्राह्मणों को महाबोधि महाबिहार का मालिक दिखाया गया है। जबकि, ब्राह्मण उक्त स्थान को अपवित्र मानते हैं तथा पदम पुराण में तो बुद्ध का चेहरा देखना भी पाप माना गया है फिर भी उक्त स्थान पर ब्राह्मणों का अवैध कब्जा है।

उक्त ट्रस्ट में कुल 9 सदस्य हैं जिसमें चार सदस्य बौद्ध और चार सदस्य हिंदू है तथा एक सदस्य जिलाधिकारी उक्त ट्रस्ट का अध्यक्ष होता है जोकि अक्सर हिंदू सोच का होता है। इस प्रकार कुल 9 सदस्यों में से सदैव पांच सदस्य हिंदू रहते हैं जोकि अपनी मनमानी करते हैं, जबकि जस्टिस मक जेफ रसन जी ने 1894 के महाबोधि महाबिहार के विवाद पर यह ऐतिहासिक फैसला दिया कि महाबोधि महाविहार मूलतः बौद्धों का पवित्र स्थल है और वैदिक ब्राह्मणों का उस पर से नियंत्रण हटाना चाहिए। इसलिए जनहित में हमारी संवैधानिक मांग है कियह कि गैर संवैधानिक रूप से बने महाबोधि महाविहार टेंपल एक्ट 1949 को बिना शर्त शीघ्र रद्द किया जाए।

यह कि महाबोधि महानिहार से हिंदू ब्राहाणों का गैर संवैधानिक अवैध कब्जा शीघ्र हटाया जाए। यह कि महाबोधि महाबिहार को मुक्त कराने हेतु चलाए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन में पूज्य बौद्ध भिक्षुओं का उत्पीड़न शीघ्र रोका।