PM MODI: ‘मन की बात’ में संविधान, गणतंत्र दिवस, महाकुंभ को लेकर कही यह बात
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम के 118वें एपिसोड में पीएम मोदी ने लोगों से कई अहम बातें कीं। पीएम मोदी ने बाबासाहब भीमराव आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुराने संबोधनों के कुछ अहम अंश भी सुनाए। साल 2025 की पहली ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा कि आज 2025 की पहली मन की बात हो रही है। आप लोगों ने एक बात नोटिस की होगी कि हर बार मन की बात महीने की आखिरी रविवार को होती है, लेकिन इस बार हम एक सप्ताह पहले चौथे रविवार के बजाय तीसरे रविवार को ही मिल रहे हैं, क्योंकि अगले सप्ताह रविवार के दिन ही गणतंत्र दिवस है, मैं सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को एकता और समता का प्रतीक बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को एकता और समता-समरसता का अद्वितीय संगम करार दिया। उन्होंने कहा कि कुंभ में कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं होता, बल्कि यह परंपरा हजारों वर्षों से लोगों को जोड़ती रही है। आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब युवा अपनी सभ्यता के साथ गर्व से जुड़ते हैं, तो उनका भविष्य सुनिश्चित होता है। साथ ही, उन्होंने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व भी बताया। प्रधानमंत्री ने कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेले को सामाजिक मेलजोल और एकता बढ़ाने वाले पर्वों के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि इन पर्वों के माध्यम से भारत की परंपनाएँ हर वर्ग के लोगों को एक सूत्र में बांधती हैं।
महाकुंभ पर पीएम मोदी ने कही बड़ी बात
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं। इसमें भारत के दक्षिण से लोग आते हैं, भारत के पूर्व और पश्चिम से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब-अमीर सब एक हो जाते हैं। इस समागम में युवाओं की बड़ी भागीदारी नजर आ रही है। इससे सभ्यता की जड़ें मजबूत होंगी और स्वर्णिम भविष्य तय होगा। इस आयोजन की वैश्विक लोकप्रियता प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है।