भगवत धाम ही महामुक्ति का आधार

लव इंडिया मुरादाबाद। सिद्ध बाबा बिहारी दास की समाधि पर आयोजित कार्यक्रम में प्रान्त प्रमुख मन्दिर-अर्चक-पुरोहित आचार्य धीरशान्त ‘अर्द्धमौनी’ने बताया कि बाबा बिहारी दास जी ने श्रीराम गंगा की खादर एवं घने जंगलों में कठिन साधना करके इस भूमि को तपोस्थली बना दिया।
पचासों वर्षों के घोर तप एवं साधना से क्षेत्र में सुख समृद्धि का साम्राज्य स्थापित किया। आसपास के गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के दुःख दर्दों को अपने दैवीय शक्तियों द्वारा निवारण करके प्रेम और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करते थे। बड़ी संख्या में सब धर्मों के लोग भी उनका सम्मान करते हैं। भक्तों ने बताया कि प्रतिदिन तेंदुओं का आना जाना इस सिद्धस्थ समाधि पर रहता है।
आज प्रातः काल भी तेंदुए के दर्शन हुए किन्तु किसी भी मानव या पशु पर हमले की कोई सूचना नहीं मिली। श्रद्धालुओं द्वारा इसे बाबा का पशुओं के प्रति प्रेम एवं दया का परिणाम बताते हैं।

आचार्य अर्द्धमौनी ने बताया कि सन्त महात्माओं की पुण्यतिथि महोत्सव के रुप में मनाने का आशय है कि जब जीवात्मा इस संसार को छोड़कर भगवतधाम को जाती है तभी भगवान का सानिध्य पाती है।
भगवत धाम ही महामुक्ति का आधार है। इसी कारण से सन्तों में गोलोकधाम जाने को महोत्सव एवं भजनानंदी रसामृत से आयोजित करते हैं।

इस अवसर पर श्रीराम लीला कमेटी, अगवानपुर द्वारा इस समाधि की समस्त व्यवस्था और विशाल भण्डारे का आयोजन किया। सन्त महात्माओं का सम्मान करके, हजारों भक्तों को भण्डारा प्रसाद वितरण किया।
आयोजन में मा० जयकुमार विश्नोई, संजीव गुप्ता, अंशुल गुप्ता, मूल चन्द्र गुप्ता, शंकर राजपूत, चरण सिंह सैनी, गौरव तोमर, निकेत गांधी, वीरेंद्र तोमर, प्रफुल्ल प्रजापति, डा० राकेश विश्नोई, अचल कुमार शर्मा, वरुण गुप्ता, सचिन विश्नोई, विभोर गुप्ता, अभिनव गुप्ता, ठाकुर नरपतसिंह, धर्मवीर सिंह, अर्जुन पण्डित आदि ने सेवा कार्यों में सहयोग दिया।

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