क्या आप जानते हैं…एक किलो कस्तूरी की कीमत होती है ढ़ाई करोड़, जिसके लिए मारे जाते हैं 300 मृग

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नर मृग की पूर्व ग्रंथि के स्राव से मिलने वाली सुगंधित कस्तूरी की प्राप्ति के लिए उनका अवैध शिकार हो रहा है। इस कस्तूरी का उपयोग बेशकीमती इत्र और महंगी दवाओं में किया जाता है। यही वजह है कि एक किलोग्राम कस्तूरी की कीमत लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये है। जिसे इकट्ठा करने के लिए तकरीबन 300 वयस्क मृगों को मार दिया जाता है।

कस्तूरी कुंडल बसे, मृग ढूंढे बन मांहि, ऐसे घटि घटि राम हैं, दुनिया देखे नाहिं..। कबीरदास का ये चर्चित दोहा आज भी कस्तूरी मृगों के संरक्षण को लेकर जारी प्रयासों पर प्रासंगिक है। 50 वर्ष लंबे संरक्षण के बाद भी इनकी आबादी में इजाफा नहीं हुआ है। हां, संरक्षण से इनको विलुप्त होने से जरूर बचा लिया गया है।

नर मृग की पूर्व ग्रंथि के स्राव से मिलने वाली सुगंधित कस्तूरी की प्राप्ति के लिए उनका अवैध शिकार हो रहा है। इस कस्तूरी का उपयोग बेशकीमती इत्र और महंगी दवाओं में किया जाता है। यही वजह है कि एक किलोग्राम कस्तूरी की कीमत लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये है। जिसे इकट्ठा करने के लिए तकरीबन 300 वयस्क मृगों को मार दिया जाता है।

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