आखिरकार ‘स्थानांतरण’ के इस ‘सियासत’ के पीछे कौन…होगी जांच
लव इंडिया, मुरादाबाद। पाकबड़ा थाना क्षेत्र के रतनपुर कला गांव के राजकीय इंटर कॉलेज के सभी छात्र छात्राएं ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे और उन्होंने अपने प्रधानाचार्य का तबादला रोकने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। बाद में एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा से मिले लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इस विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन है और क्या सियासत है इसकी जांच की जानी जरूरी है।वी,ओ:- पाकबड़ा थाना क्षेत्र के रतनपुर कला गांव के राजकीय इंटर कॉलेज की प्रभारी प्रधानाचार्य बबीता मेहरोत्रा 10 अगस्त 2021 को यहां प्रतिनियुक्ति पर आई थी, वह यहां बच्चों को विज्ञान विषय पढ़ाती थी।
हाल ही में उनका तबादला हुसैनपुर छिराबली कर दिया गया था। मंगलवार को उन्होंने पद छोड़ने से पहले सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को अपने तबादले की बात बताते हुए विदा ली। इस पर विद्यार्थियों में रोष व्याप्त हो गया और वह सड़क पर उतर आए थे और पाकबड़ा डींगरपुर मार्ग जाम कर दिया था तो वहीं इसी को लेकर अगले ही दिन फिर सभी छात्र छात्राएं ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन करते हुए एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा से मुलाकात की और प्रधानाचार्य बबीता मल्होत्रा का तबादला रोकने की मांग की तो वही एडीएम सिटी ने उन्हें आश्वासन देकर समझा-बुझाकर घर भेज दिया है।
इस सबके बीच यह चर्चा भी जोरों पर है कि इस विरोध प्रदर्शन के पीछे उत्तर प्रदेश सरकार की तबादला नीति का साजिशन विरोध किया जा रहा है और यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है क्योंकि पहले ही दिन छात्रों का स्कूल से निकलना और रोड पर प्रदर्शन करना तो यह माना जा रहा था कि शायद प्रधानाचार्य बच्चों की प्रिय है लेकिन अगले आज बुधवार को प्रधानाचार्य बबीता मल्होत्रा ने स्थानांतरण का अनुपालन किया और नए स्थान पर जोइनिंग भी कर ली। लेकिन, इसी दौरान 4-5 ट्रैक्टर ट्रालीओं में बच्चे जिला मुख्यालय पहुंचे और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया तो यह सवाल कलेक्ट्रेट में गूंज उठा कि आखिरकार यह बच्चे ट्रैक्टर ट्राली से भरकर क्यों लाए गए विरोध के पीछे मंशा क्या है और विरोध करने वाले लोग और स्थानांतरित प्रधानाचार्य में कहीं तालमेल तो नहीं हो यही बात जब जिला विद्यालय निरीक्षक से पूछी गई तो उन्हें जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
फिलहाल इस पूरे मामले में शासन और प्रशासन को गंभीरता से जांच करनी होगी क्योंकि एक ऐसा विरोध हो रहा है और इसके पीछे सरकार की नीति का विरोध तो है। साथ ही अवार्ड हासिल करना भी है। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में जगह स्थानांतरित की गई शिक्षिका बबीता मेहरोत्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें तो सरकारी आदेश का पालन करना है हम ने आज सुबह जॉइनिंग भी कर ली और उन्हें नहीं मालूम कि यह क्यों हो रहा है लेकिन उन्हें यह जरूर कहा कि स्थानांतरण के बाद बच्चे भावुक हैं।