लगन, निष्ठा एवं समर्पण से आती है भक्तियोग में स्थिरता : अर्द्धमौनी

Uttar Pradesh तीज-त्यौहार

लव इंडिया, मुरादाबाद। प्रकाश कम्बल परिवार, सिविल लाइंस द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा भक्तियज्ञ में कथा व्यास श्रद्धेय धीरशान्त दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भागवत ही आध्यात्मिक ज्ञान का शुभारम्भ है।

भगवत्प्राप्ति की लगन तीव्रतम होनी चाहिए। तत्त्व का अनुभव कैसे हो, शीघ्र भगवत्प्राप्ति कैसे हो, यही जीवन का चरम लक्ष्य है। सांसारिक वस्तुओं के लिए या अप्राप्त की प्राप्ति की जैसी लगन ही हमें भ्रमित करती है। भगवत्प्राप्ति में और कोई योग्यता-पात्रता की विशेष आवश्यकता नहीं है। साधकों में ऐसी लगन हो जाय तो बहुत सुगमता से आध्यात्मिक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यह लगन निरन्तर कृष्ण भावनामृत से उत्पन्न होती है। धैर्य के बिना धन, वीरता के बिना विजय, ज्ञान के बिना मोक्ष और दान के बिना यश प्राप्त नहीं होता है।

सम्पूर्ण पापों का मूल ‘कामना’ तो आपके भीतर है ही फिर आप पापों से रहित कैसे हो, भोग भोगना और संग्रह करना असली पाप है। इन दोनों के सिवाय आप क्या करते हो। सिवाय कामना के और मन में क्या है। कामना मन में है तो फिर मन चंगा कैसे, जो पाठ-पूजन, सन्ध्या-वन्दन आदि कुछ नहीं करता, उसमें और पशुओं में फर्क क्या हुआ, पशु मुँह भी नहीं धोते।

अशुद्धि रोज आती है। इसलिये रोज शौच-स्नान करना पड़ता है। रोज बर्तन माँजने पड़ते हैं। मनुष्य प्रतिदिन जो क्रियाएँ करता है, उनसे दोष आता ही है। इस दोष की शुद्धि के लिए प्रतिदिन पाठ-पूजा, भजन-ध्यान आदि करना आवश्यक है।

मन पवित्र होने से शास्त्र विरुद्ध कार्य हो ही नहीं सकता। अगर मन में शास्त्रविरुद्ध बात पैदा होती है तो यह मन की मलिनता का प्रमाण है।

सरलता, सौम्यता, नम्रता, सहिष्णुता एवं भगवत भजन करना ही वैष्णवता है। साधकके शरीर, मन और वाणीमें सरल-सीधापन होना चाहिये। शरीरकी सजावटका भाव न होना, रहन-सहन में सादगी तथा चाल-ढाल में स्वाभाविक सीधापन होना, ऐंठ-अकड़ न होना—यह शरीरकी सरलता है।

छल, कपट, ईर्ष्या, द्वेष आदिका न होना तथा निष्कपटता, सौम्यता, हितैषिता, दया आदिका होना, यह मन की सरलता है। व्यंग्य, निन्दा, चुगली आदि न करना, चुभने वाले एवं अपमानजनक वचन न बोलना तथा सरल, प्रिय और हितकारक वचन बोलना ही वाणी की सरलता है।

कथा में अनिता गुप्ता, लेखा कोठीवाल, नीलम कोठीवाल, डा० रीता खन्ना, अनुभा गुप्ता, मधु वैश्य, शशि अग्रवाल, हंसा मेहता, सुधा अग्रवाल, अनिता गुप्ता, शारदा सहगल, विजया कत्याल, पूनम चावला, डा० अमिता सिंह भूतपूर्व चिकित्साधिकारी, रेनू चावला, राजू चावला, साहिल चावला, मीनू वासुदेव आदि उपस्थित रहे।

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