बरेली की पत्रकारिता व साहित्य में चित्रांशों का योगदान

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निर्भय सक्सेना

निर्भय सक्सेना। जीवन में सभी मुख्य क्षेत्रों के साथ ही बरेली में कायस्थ समाज के लोगों में पत्रकारिता व साहित्य के उत्थान में हमेशा उत्कृष्ट योगदान दिया है। काव्य जगत में सुकुमार गीतों के रचयिता स्वर्गीय किशन सरोज एवं बाल गीतों के प्रणेता निरंकार देव सेवक, रामजी शरण सक्सेना, ज्ञानवती सक्सेना, ज्ञान स्वरूप कुमुद की उपादेयता से आज कोई भी इन्कार नहीं कर सकता। इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में जो मुकाम ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ के संस्थापक स्वर्गीय  जे. बी. सुमन एवं अमर उजाला के विनीत सक्सेना ने प्राप्त किया है वह बरेली ही नहीं आस-पास के चित्रांश समाज के लिए गौरव की बात है।

बरेली वर्ष 1969 से प्रकाशित दैनिक अमर उजाला के आने के बाद पेशेवर पत्रकारिता की विधिवत शुरुआत हुई। अमर उजाला को लोकप्रियता की ऊंचाइयों तक ले जाने में पत्रकार जे. बी. सुमन एवं मार्केटिंग में डा. दिनेश जौहरी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इसके बाद ‘दैनिक विश्व मानव’, ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’, ‘दैनिक नवसत्यम’, ‘दैनिक जागरण’, ‘दैनिक आज’ , ‘दैनिक हिंदुस्तान’, ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ‘टाइम्स आफ इंडिया’ ‘दैनिक जनमार्चा’, ‘दैनिक अमृत विचार’, ‘बरेली की आवाज’ दैनिक गंभीर न्यूज आदि समाचार पत्रों के प्रकाशन में भी कायस्थ समाज के लोगों का लेखन में महत्वपूर्ण योगदान है।

वर्ष 1950-60 के दशक में यहां कायस्थ समाज के पत्रकारों में मुंशी प्रेमनारायण सक्सेना एडवोकेट का नाम आज भी काफी आदर से लिया जाता है। सौदागरान निवासी प्रेम नारायण सक्सेना एडवोकेट उस समय के प्रतिष्ठित ‘दैनिक नेशनल हेरल्ड’, ‘दैनिक नवजीवन’ व अन्य कई प्रमुख समाचार एजेंसियों के लिए बरेली से पत्रकारिता करते थे। यहीं लक्ष्मी नारायण एडवोकेट ‘हिन्दुस्तान समाचार’ एजेंसी के प्रबंधतंत्र में सहभागी होने के साथ ही बरेली के प्रतिनिधि भी थे। उस समय दर्जी चौक से स्वर्गीय तेज बहादुर सिन्हा का साप्ताहिक ‘रूहेलखण्ड एक्सप्रेस’ अंग्रेजी व उर्दू तथा नरेश बहादुर का ‘रूहेलखण्ड साप्ताहिक’ अंग्रेजी में निकला करता था।

मोहल्ला भूड़ के वी के सुभाष लखनऊ पॉयनियर में रहे। इसके अलावा उर्दू के अखबारों में भी कायस्थ समाज के अनेक सपूत पत्रकार  के रूप में जुड़े हुए थे। इसी तरह स्वर्गीय बृजपाल सिंह बिसारिया अपना ‘युग संदेश’ तथा स्वर्गीय रमेश विकट ‘चित्रांकन’ निकाला करते थे। वर्ष 1959 के दशक में प्रेमनगर से ‘दैनिक अमर उजाला’ प्रारंभ होने के बाद इस समाचार पत्र से श्री जे. बी. सुमन, सुधीर कुमार सक्सेना जैसे पत्रकारों ने अपना कैरियर शुरू किया। शिक्षण कार्य करने के साथ ही हरीशंकर सक्सेना ने पत्रकारिता में काफी योगदान दिया।

‘निर्झरिणी’ पत्रिका का प्रकाशन व संपादन के साथ ही हरि शंकर सक्सेना ने कई काव्य संकलन भी निकाले। 1974 में राकेश कोहरवाल भी ‘दैनिक अमर उजाला’ से जुड़े। 11 फरवरी 1974 को ‘दैनिक विश्व मानव’ शुरू होने पर इस पत्र से स्वर्गीय ज्ञान सागर वर्मा, राकेश कोहरवाल, सतीश कमल एडवोकेट, निर्भय सक्सेना, स्वतंत्र सक्सेना, अनिल सक्सेना, ज्ञानेन्द्र राही, संतोष कुमार कण्व, कमल वर्मा, सुचित्रा डे जुड़े। वहीं संपादकीय लेखन में स्वर्गीय चन्द्र नारायण सक्सेना एडवोकेट उर्फ भ्राता जी, जो आर्य समाज अनाथालय के अध्यक्ष थे, वे लम्बे समय तक ‘दैनिक विश्व मानव’ में संपादकीय लेखन का दायित्व संभाला।

इस समाचार पत्र के प्रबंध तंत्र से बाद में जुड़े के. सी सक्सेना व वीर बहादुर सक्सेना (भूतपर्वू नगर पालिका चेयरमैन) ने सफलता के कई सोपान तय किये।1976 में बरेली से जे. बी. सुमन ने ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ प्रारंभ करके सांध्य दैनिक पत्रकारिता में विशेष स्थान बनाया। उनके साथ निर्भय सक्सेना, अनुराग दीपक, सुधीर महान, संतोष कण्व, सुरेन्द्र बीनू सिन्हा आदि का भी उल्लेखनीय सहयोग रहा। प्रशांत सुमन की कोरोना में निधन के बाद ‘दैनिक दिव्य प्रकाश’ को अब सारिका सुमन पत्नी स्वर्गीय प्रशांत सुमन निकाल रही हैं।

1975 से 1985 के दशक में बरेली के सूचना विभाग के मान्यता प्राप्त पत्रकारों में मुंशी प्रेम नारायण, जे. बी. सुमन, राकेश कोहरवाल, निर्भय सक्सेना, बृजपाल सिंह विसरिया, नरेश बहादुर, अखिलेश सक्सेना, आदि का लम्बे समय तक स्थान बना रहा।बरेली की पत्रकारिता में कोहाड़ापीर से जहां वीरेन्द्र सक्सेना ने हिन्दी पत्रिका ‘परिणय’ निकाली, यहीं कुछ किताबें भी लिखीं। श्री वीरेन्द्र सक्सेना बरेली के पहले प्रेस फोटोग्राफर भी रहें। धर्मेन्द्र सक्सेना व स्वर्गीय उत्तम कुमार ने भी ‘कायस्थ पत्रिका’ का प्रकाशन किया।

वी. पी. सक्सेना ने ‘कायस्थ रश्मि’ समाचार पत्र निकाला जिसे तरूण सक्सेना देखते हैं।  शिवकुमार बरतरिया ‘सृष्टि निर्माण दिवस’ स्मारिका निकालते हैं। तुषार चन्द्रा ने भी एक हिन्दी ‘दैनिक पांचाल रूहेला’ निकाला। ज्ञानेन्द्र राही ने ‘मुक्ति वाहिनी’ उपन्यास लिखा। सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने ‘भारतीय पत्रकारिता संस्थान’ की बरेली में स्थापना कर इस दिशा में अपने साथ कई लोगो को जोड़ा साथ ही वे ‘विविध संवाद पत्रिका’ का भी प्रकाशन कर रहे हैं। अनिल सक्सेना एडवोकेट व स्वर्गीय अनुराग दीपक ने संयुक्त रूप से साप्ताहिक ‘संगठित मजदूर’ का भी प्रकाशन किया था।

1980 के दौर में ही हिन्दी के पत्रकारों में मुंशी प्रेम नारायण सक्सेना, जे. बी. सुमन, अखिलेश, अनिल सक्सेना, निर्भय सक्सेना ने अपने अन्य पत्रकारों के सहयोग से नावल्टी सिनेमा के सामने यू पी जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) बरेली में ‘उपजा प्रेस क्लब’ की स्थापना नगर निगम के सहयोग से करवाई। प्रियदर्शिनी नगर में ‘पत्रकार कालोनी’ की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी प्रयासों से करायी। वर्तमान में निर्भय सक्सेना उपजा से प्रदेश उपाध्यक्ष है।

1980 के अंतिम दशक में बरेली में ‘दैनिक जागरण’ व ‘दैनिक आज’, ‘दैनिक हिंदुस्तान’ का भी प्रकाशन प्रारंभ हुआ। इसमें भी अनेक चित्रांशों ने पत्रकारिता के महत्वपूर्ण दायित्व संभाले। ‘दैनिक अमर उजाला’ में पत्रकारिता क्षेत्र में स्थानीय संपादक विनीत सक्सेना कई वर्ष रहे। आजकल विनीत जी नोएडा में हैं। अमर उजाला में अजय सक्सेना, नीरज सक्सेना, अचल के. गुंजन, अमित सक्सेना अमित बिसरिया, दैनिक जागरण में सर्वश्री पवन सक्सेना, निर्भय सक्सेना अखिलेश सक्सेना, कंचन वर्मा, स्वर्गीय राहुल सक्सेना ‘दैनिक आज’ में सुनील सक्सेना, प्रशांत रायजादा, ‘दैनिक वीर अर्जुन’ रवि सक्सेना आदि भी कार्यरत रहे।

सचिव श्याम भारतीय, विकास सक्सेना भी स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। जबकि नवल सिन्हा ए.बी.सी न्यूज वीडियो, विकास सक्सेना ‘न्यूज 18’ और रवि सक्सेना ‘वीर अर्जुन’, सुचित्रा डे ‘विश्वमानव’ दिनेश्वर ‘दीनू’, विकास सक्सेना ‘न्यूज 18’, विकल्प कुदेशिया, पुत्तन सक्सेना, मीनू वर्मा इलेक्ट्रानिक चैनल/पोर्टल देख रहे हैं। ‘दैनिक आज’ में राजीव रंजन, सुनील सक्सेना, प्रशांत रायजादा कार्यरत रहे हैं।बरेली में ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ में अखिलेश चन्द्र सक्सेना, ईटीवी में संजय श्रीवास्तव आदि भी कार्यरत रहे।

बरेली से बाहर जाकर पत्रकारिता करने वालों में सर्वश्री वी. के. सुभाष ‘पायनियर लखनऊ’ अनिल सक्सेना ‘सरिता नई दिल्ली, राजीव सक्सेना ‘प्रथम प्रवक्ता’ दिल्ली, नीरज सक्सेना ‘इण्डियन एक्सप्रेस दिल्ली व कार्टूनिस्ट एवं संगीतकार के रूप में अरविंद सरोजवाल आदि नाम शामिल है। अगरास के सतीश वर्मा, बालजती के के पी सक्सेना ने भी लंबे समय तक ‘धर्मयुग’ हिंदुस्तान आदि पत्र पत्रिकाओं में अपनी लेखनी का जौहर दिखाया।

इसके अलावा डा. दिनेश जौहरी के पुत्र राहुल जौहरी डिस्कवरी चैनल /भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के सी.ई.ओ. के बाद जीटीवी में प्रेसिडेंट हैं।  पूर्णिमा अनिल की बेटी सुगन्धा अनिल आउटलुक अंग्रेजी मैगजीन के बाद अब ‘गलफ न्यूज’ में मार्केटिंग प्रबंधक तथा शिशिर कुमार आउटलुक हिंदी में मार्केटिंग मैनेजर है। बरेली के ही मनोज वर्मा ‘इण्डिया टुडे’ के बाद वर्तमान में वह ‘लोकसभा टीवी’ में कार्यरत हैं। प्रो. दिनेश चन्द्र सक्सेना कहानी लेखन व सरिता व कारवां पत्र में कई बार पुरस्कृत किया गया। बरेली के ही के. पी. सक्सेना ने लखनऊ में रहकर हिन्दी व्यंग्य के क्षेत्र में काफी नाम कमाया।

साहित्य जगत में हिंदी कवियों में स्वर्गीय के.पी. सक्सेना, रामजी सरन सक्सेना, बालकवि निरंकार देव सेवक, किशन सरोज, ज्ञानवती सक्सेना, ज्ञान स्वरूप कुमुद, कृपा नंदन, स्वर्गीय विजय कुमार सक्सेना, दादा बरेलवी, कमल सक्सेना, ज्ञान स्वरूप ‘कुमुद’, अनिल चौधरी, विपिन सिन्हा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। कृष्ण स्वरूप सक्सेना, कमल सक्सेना, मध्यम सक्सेना, उपमेन्द्र सक्सेना, हरी शंकर सक्सेना, नीलम सक्सेना ‘जायद’, पल्लवी सक्सेना का नाम विशेष उल्लेखनीय है।

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