राज्य कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं: कर्मचारियों को 2023 तक करना होगा इंतजार

Uttar Pradesh

लखनऊ। दो लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों के लिए इस साल भी तबादला नीति लागू नहीं होगी। ऐसे में ट्रांसफर के लिए इंतजार कर रहे कर्मचारियों को इस साल भी निराश होना पड़ेगा। उप्र सरकार ने तय किया है कि इस बार भी ट्रांसफर सीजन शून्य होगा। यानी जून के महीने में होने वाले नियमित ट्रांसफर इस साल लागू नहीं होंगे। यूपी में राज्य कर्मचारियों की कुल संख्या 10 लाख है।

हर साल करीब 20% कर्मचारियों का तबादला होता है। इस साल कम से कम 2 लाख कर्मचारियों का रूटीन में तबादला होना था। पसंद की जगह पोस्टिंग के लिए कर्मचारी विभागों में अधिकारियों के यहां पैरवी भी करने लगे थे। सबसे पहले 12 मई 2020 को कुछ प्रतिबंधों के साथ सभी ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई थी। जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल पूरा करने वाले कर्मचारियों के हटाया जाता है।

सीएम ऑफिस में नहीं बनी सहमतिदरअसल, शासन की तरफ से तबादले को लेकर फाइल सीएम कार्यालय भेजी गई थी। लेकिन, वहां से कोई सहमति नहीं बन पाई है। बताया जा रहा है कि पिछले 2 साल की तरह इस साल भी ट्रांसफर नीति शून्य ही रहेगी। साल 2020 और 2021 में कोविड की वजह से तबादला नहीं हो पाया था। अब स्पेशल केस पर सीएम कार्यालय से ही ट्रांसफर हो सकेंगे।

वाणिज्य कर विभाग के सुरेश सिंह यादव कहते है कि नीति नहीं आने से कर्मचारियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। दलील है कि परिवार को शिफ्ट करना और बच्चों के एडमिशन में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। उनका कहना है कि सरकार का जो भी फैसला है, उसको लागू कर देना चाहिए।ट्रांसफर नहीं होंगे, लेकिन पटल बदले जाएगाट्रांसफर भले ही न हो लेकिन उनका पटल बदला जाएगा।

उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति किसी विभाग में कोई खास जिम्मेदारी 3 साल से देख रहा है तो उसकी जिम्मेदारी बदल दी जाएगी। समूह के लिए यह आदेश जारी हो चुका है। खासकर लोक निर्माण विभाग में इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।राज्य कर्मचारी महासंघ के रामराज दुबे कहते है कि हजारों कर्मचारी ट्रांसफर चाहते हैं। उनको ट्रांसफर पॉलिसी से उनको बड़ी उम्मीदें हैं।

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