रामपुर से लोकसभा उपचुनाव में आज़म खान की पत्नी नहीं बल्कि करीबी आसिम राजा शमसी होंगे सपा प्रत्याशी

Uttar Pradesh युवा-राजनीति

उमेश लव , रामपुर। हाल ही में लगभग 26 माह के बाद सीतापुर जेल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिहा हुए आजम खान से बड़ा कोई नेता रामपुर में नहीं है हैं। सपा संस्थापकों में शामिल रहे आजम खान 10 बार के विधायक हैं और इस बार भी उन्होंने सांसद ही छोड़कर जेल से ही नगर विधायक के लिए चुनाव लड़ा था। हालांकि यह चर्चाएं थी कि आजम खान समाजवादी पार्टी से बेहद नाराज चल रहे हैं लेकिन पिछले दिनों इलाज के दौरान दिल्ली में भर्ती हुए तो सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मिलने पहुंचे और गिले-शिकवे दूर किए इसी के साथ रामपुर में चल रही लोकसभा सीट के लिए चुनावों की घोषणा हो गई। ऐसे में यह है उम्मीद लग रही थी कि आजम खान की पत्नी तंजीम फातमा समाजवादी पार्टी से लोकसभा की प्रत्याशी होंगी लेकिन ऐन वक्त पर समाजवादी पार्टी ने सभी को चौका दिया और सोमवार को खुद आजम खान ने समाजवादी पार्टी के रामपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी की घोषणा की। उन्होंने इसके लिए अपने बेहद करीबी और मौजूदा समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष आसिम राजा शमसी के नाम का ऐलान किया।

भाजपा प्रत्याशी घनश्याम लोधी भी आजम खां के करीबी रहे

उपचुनाव में भाजपा ने आजम खां के करीबी रहे घनश्यामा लोधी को मैदान में उतारा है। उनकी सामाजिक सदभाव वाली छवि के कारण उन्हें टिकट दिया गया है। पचास फीसद से अधिक मुस्लिम वोट वाली इस सीट पर रामपुर नगर, स्वार, चमरव्वा, बिलासपुर व मिलक सीट आती हैं। इस वर्ष नए वोटर बनाने के अभियान में 1.76 लाख वोट संसदीय क्षेत्र में बढ़ने से 28.25 लाख वोटर हो गए हैं। इस मर्तबा 13.39 लाख वोट महिलाओं के हैं। विधानसभा क्षेत्रवार देखें तो स्वार में 5.22 लाख, चमरव्वा में 5.30 लाख, बिलासपुर में 5.80 लाख, नगर में 5.77 लाख व मिलक विस क्षेत्र में 3.57 लाख वोटर हैं। देखना है वोटर का रुख किस तरफ रहता है।

बसपा के बाद कांग्रेस भी मैदान से हटी

बहुजन समाज पाार्टी की मुखिया मायावती ने रामपुर उपचुनाव से प्रत्याशी नहीं लड़ाने का फैसला पहले ही ले लिया था। अब कांग्रेस ने भी ऐलान कर दिया है कि वह रामपुर और आजमगढ़ में होेने वाले उप चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उताारेगी। कांग्रेस के फैसले से टिकट के दावेदार माने जा रहे नावेद मियां और बिलासपुर से विधायक रहे संजय कपूर की कोशिशें थम गई हैं। कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी नहीं उतारने से तजीन फातिमा और घनश्याम लोधी में सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है।

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