बड़प्पन दिखाने के चक्कर में मुलायम सिंह यादव को सीएम बनवाने की सज़ा भुगत रहे हैं आज़म खां: मुहम्मद अहमद

Uttar Pradesh

लव इंडिया, मुरादाबाद। सपा नेता आज़म खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान के बयान कि अखिलेश यादव को मुसलमानों के कपड़े से बू आती है को अल्पसंख्यक कांग्रेस उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मुहम्मद अहमद ने सही बताया है। उन्होंने कहा कि संभल से सपा सांसद शफीक़ुर रहमान बर्क का यह कहना भी पूरी तरह सही है कि सपा मुसलमानों के सवाल नहीं उठाती। लेकिन अफसोस की बात है कि सपा के मुस्लिम नेताओं को यह बात बहुत देर से समझ में आई है।

मुहम्मद अहमद ने दावा किया कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री विश्वनाथ प्रताप सिंह चाहते थे कि आज़म खान जनता दल से प्रदेश के मुख्यमन्त्री बनें। लेकिन आज़म खान ने बड़प्पन दिखाने के चक्कर में 5 प्रतिशत आबादी वाली जाति के नेता मुलायम सिंह यादव को मुख्यमन्त्री बनवा दिया। आज ख़ुद आज़म खान और पूरी मुस्लिम समाज उसी गलती का खामियाज़ा भुगत रहा है।

मुहम्मद अहमद ने कहा कि चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने अपने खास समर्थकों को आज़म खान की फोटो होर्डिंगों से हटाने का निर्देश दिया था ताकि धीरे-धीरे वो लोगों की स्मृतियों से गायब हो जाएं। इसी वजह से जो पत्रकार उनसे आज़म खान पर सवाल पूछ लेता था अखिलेश भड़क जाते थे या उनके सामने ही पत्रकारों को सपाई गुंडे पीट देते थे।

मुहम्मद अहमद ने कहा कि सपा शुरू से ही मुस्लिम नेतृत्व को खत्म करने की रणनीति पर काम करती रही है। इसीलिए ऐसे लोगों को विधायक बनाना पसंद करती है जो किसी भी मुस्लिम मुद्दे पर न बोलें। पिछली सदन में सपा के 47 में से 17 मुस्लिम विधायक थे लेकिन वो अखिलेश जी के संसदीय सीट आज़मगढ़ में भी सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में पुलिस दमन का शिकार हुई महिलाओं से मिलने नहीं जाने पर उनसे सवाल नहीं पूछ पाए। वो यह भी नहीं पूछ पाए कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव जी मोदी के दुबारा प्रधानमन्त्री बनने की कामना क्यों कर रहे हैं। आज 34 मुस्लिम विधायक होने के बावजूद वो अखिलेश यादव से यह पूछ पाने की हिम्मत दिखा पा रहे हैं कि अपर्णा यादव क्यों भाजपा में चली गयीं या शिवपाल यादव क्यों भाजपा से नजदीकी बढ़ा रहे हैं या यादव बहुल सीटों पर सपा क्यों हार रही है।

उन्होंने कहा कि आज़म खान इसीलिए सैफई परिवार को खटकते थे कि वो आँख में आँख डाल कर मुसलमानों के सवाल पर मुलायम सिंह और अखिलेश से सवाल पूछ सकते थे। आगरा के सम्मेलन में आज़म खान के भाषण से सैफई कुनबा इतना नाराज़ हुआ कि भाजपा से डील कर के आज़म खान को जेल भिजवा दिया।

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