फर्जी निकला संकल्प इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, संचालक फरार

India Uttar Pradesh अपराध-अपराधी टेक-नेट शिक्षा-जॉब

लव इंडिया, मुरादाबाद। योगी सरकार में भी मेडिकल शिक्षण संस्थानों के नटवर लाल युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर काला कारोबार बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इन फर्जी संस्थानों का एक बड़ा सिंडीकेट सूबें में काम कर रहा है। जिसके जाल में लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में डूब चुका है। ऐसा ही एक मामला जनपद मुरादाबाद में उजागर हुआ है।

फर्जीवाड़े का ये मामला मुरादाबाद के थाना सिविल क्षेत्र के संकल्प इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से जुड़ा है। जहां पर हजारों युवाओं ने डाक्टर बनने का सपना संजोए हुए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था और मोटी फीस देकर नैचुरोपैथी के डिग्री-डिप्लोमा हासिल किये। उन्हें क्या मालूम था कि आशियाना रामगंगा विहार फेस फस्ट में संचालित संकल्प इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस फर्जी है…? जिस मेरठ के बोर्ड ऑफ नैचुरोपैथी योगा सिस्टम ऑफ मेडिसिन (BNYSM) बोर्ड़ से वह डिग्री डिप्लोमा हासिल कर रहें है वह भी फर्जी है क्योंकि हजारों छात्रों ने डाक्टर बनने के लिए संकल्प इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को चुना और बीएनबाईएस, डीएनबाईएस, सीएमएस एंड ईडी, एमडी आदि कि डिग्री-डिप्लोमा लिए है वही सिर्फ रद्दी है…? जिनका कोई मेडिकल जगत में आस्तिव नही है…?

अब बोर्ड ऑफ नैचुरोपैथी योगा सिस्टम ऑफ मेडिसिन (BNYSM) बोर्ड़ के डायरेक्टर डा. आरपी शर्मा और संकल्प इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल इंस्टीट्यूट के संचालक डा. नितिन सहगल की तलाश वो डिग्री धारक कर रहें जिन्होंने लाखों रुपए खर्च करके ये नैचुरोपैथी की फर्जी डिग्री-डिप्लोमा हासिल करके डाक्टर बने के सपने संजोए थे। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जिस किराए कि आवासीय बिल्डिंग में संकल्प इंस्टीट्यूट संचालित था उसमे अब ऐलोपैथिक दवाईयों का काला कारोबार किया जा रहा है। इस बिल्डिंग से संकल्प इंस्टीट्यूट का नाम मिट चुका है।

करोड़ों रुपये ठगने के बाद उसका आस्तित्व खत्म कर दिया गया है। यहां पर आज भी प्रतिदिन ठगी के शिकार हुए छात्र संचालक की तालाश में आते जाते है ताकि अपना ठगा हुआ रुपया वसूल सकें। असल में इंस्टीट्यूट संचालक नितिन सहगल ने मोटी फीस लेकर फर्जी बोर्ड़ की आड़ में अपने अवैध इंस्टीट्यूट के नाम से हजारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है। जिनको लेकर युवाओं ने समझा कि वह डाक्टर बन गए और गली मौहल्लों में ही नहीं बल्कि हाइवें के किनारे क्लीनिक और अस्पताल खोलकर बैंठ गये।

यहीं से मुरादाबाद में झोलाछाप डाक्टरों का मकड़जाल फैलता गया। जब स्वास्थ्य विभाग का हंटर चला तो इस फर्जी बोर्ड़ और फर्जी संकल्प मेडिकल इंस्टीट्यूट की पोल खुली। इंस्टीट्यूट संचालक ने अपनी गर्दन बचाने के लिए क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी कार्यालय और सीएमओ दफ्तर में घूस देकर अपने पैर जमा लिए और अवैध तरीके से दोनों सरकारी दफ्तरों से डिग्री-डिप्लोमा धारकों को रजिस्ट्रेशन दिलाने लगा। जब इस बात की भनक शासन -प्रशासन को लगी तो हड़कंप मच गया।

डाॅ. नितिन सहगल का फाइल फोटो

क्योंकि नैचुरोपैथी की इन डिग्री-डिप्लोमा धारकों का न तो भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फेकल्टी लखनऊ, और न ही आयुवेर्दिक एवं यूनानी तिब्बी पद्धति बोर्ड़ में कोई महत्व है और न बीएनबाईएसएम बोर्ड़ का रजिस्ट्रेशन है। जब कार्यवाही की तलवार फर्जी बोर्ड़ पर लटकी तो संचालक डा. आरपी शर्मा ने बोर्ड को ताला लगा दिया। जब बोर्ड पर तालाबंदी की खबर मुरादाबाद पहुंची तो संकल्प इंस्टीट्यूट संचालक ने भी इंस्टीट्यूट को बंद कर दिया और नौ दो ग्यारह हो गया। ऐसा होने पर अब ठगी के शिकार हुए हजारों युवाओं को डाॅ. नितिन सहगल की तलाश है। यदि जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह इस फर्जीवाड़े की जांच किसी मजिस्ट्रेट द्वारा कराए तो ओर भी काले कारनामे इस नटवरलाल के पकड़ में आ सकतें है।

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