जंग-ए-आजादी में मुरादाबाद के 450 क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों के बलिदान पर टीएमयू में संगोष्ठी मंगलवार को

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टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन करेंगे अध्यक्षता। आधा दर्जन इतिहासविद मुरादाबाद के योगदान पर देंगे व्याख्यान।

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया, मुरादाबाद। जंग-ए-आजादी में मुरादाबाद के क्रांतिकारियों की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। मुरादाबाद में करीब 450 क्रांतिकारी और आन्दोलनकारी चिन्हित हैं। इन क्रांतिकारियों का देश की आजादी में अविस्मरणीय बलिदान है। टीएमयू कुलाधिपति के छोटे दादू श्री केशव सरन जैन की भी देश की आजादी में भूमिका उल्लेखनीय रही है। गलशहीद स्थित इमली का पेड़ आज भी शहीदों की शहादत का साक्षी है। शहर में स्थापित शहीद भवन में स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी यादें सहेजी हुई हैं। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में मुरादाबाद का योगदान पर 25 जनवरी को एक संगोष्ठी होगी। संगोष्ठी की अध्यक्षता टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन करेंगे। निदेशक छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह ने बताया, संगोष्ठी में आजादी में मुरादाबाद की भूमिका और देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले मुरादाबाद के योद्धाओं को नमन करते हुए उनका भावपूर्ण स्मरण किया जाएगा। इंस्टीट्यूशन इंनोवशन काउंसिल- आईआईसी की ओर से उत्तर प्रदेश के 73वें स्थापना दिवस के मंगल प्रवेश पर यह संगोष्ठी होगी। टीएमयू के ऑडी में दोपहर 02 बजे से होने वाली इस संगोष्ठी में करीब आधा दर्जन से अधिक इतिहासविद और शिक्षाविद व्याख्यान देंगे। इस संगोष्ठी में धवल दीक्षित, इशरत उल्ला खां, डॉ. मनोज रस्तौगी, भारत भूषण अपने-अपने विचार रखेंगे।

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