भारतीय मजदूर संघ ने मनाया अपना 67 वां स्थापना दिवस, कहा- राष्ट्र हित और उद्योग हित ही सर्वोपरि
लव इंडिया, मुरादाबाद। भारतीय मजदूर संघ की स्थापना 23 जुलाई 1955 को भोपाल में की गयी थी। स्थापना के समय तय हुआ था कि भारतीय मजदूर संघ गैर राजनीतिक संगठन होगा। राष्ट्र हित और उद्योग हित को ही सर्वोपरि माना जायेगा।
भारतीय मजदूर संघ ने अपनी स्थापना के समय तय सिद्धान्तों को आधार मानकर अपना संगठन खड़ा किया और किसी भी राजनैतिक दल से सम्बद्धता न रखते हुए स्वतंत्रत तथा स्वायत्त संगठन खड़ा किया। आज बीएमएस के सिद्धान्त को विश्वभर में मान्यता मिली।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए जिला मन्त्री अरुण गौड़ ने कहा कि विदेशों में जब-जब भारतीय मजदूर संघ को अवसर मिलता है तब-तब वह श्रम समस्या के प्रति भारतीय दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखता है।
उन्होंने बताया कि, वामपंथी मजदूर संगठनों ने जब नारा दिया कि दुनिया के ‘मजदूरों एक हो’, तब इस पृथकतावादी चिंतन को चुनौती देते हुए मजदूर संघ ने नारा दिया कि ‘मजदूरों दुनिया को एक करो’। यह भाव श्रमिकों को स्मरण कराता है कि उनका अंतिम लक्ष्य समूची मानव जाति का उत्थान है न कि मात्र श्रमिकों के कल्याण तक सीमित है।
इस अवसर पर बहादुर सचिन, विकेश मुनेंद्र, मधुसूदन, जरीफ अहमद, हरीश, सतवीर, अनिल कुमार आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।