नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं होगी

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नूपुर की तरफ से वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उनको जान का खतरा,जस्टिस सूर्यकांत ने मनिंदर से पूछा कि ये खतरा 1 जुलाई के बाद आपको खतरा ज्यादा हो गया है।सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद कई धमकियां मिली और कुछ अन्य घटनाओं का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा अगर मैं हर कोर्ट में सुनवाई के जाऊं तो मेरे जीवन को खतरा है जैसा आपने टिप्पणी में कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमनें ऐसा नही कहा था।इस पर सिंह ने कहा कि मुझ से सुनने में हो सकता है गलती हो गई हो। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षा दी जाए।सिंह ने कहा कि बंगाल में चार FIR दर्ज हो गए है। ऐसे में खतरा भी बढ़ गया है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने परिस्थितियों को बताया कोर्ट के समक्ष की आपके और परिवार को जान का खतरा है।कोर्ट ने पूछा कि क्या आप दिल्ली हाई कोर्ट जाना चाहते है?

सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों का रक्षक है।पहली FIR दिल्ली में दर्ज हुई, हमारी मांग है कि बाकी सभी FIR पर रोक लगाई जाए, साथ ही जुड़े किसी मामले में गिरफ्तारी की करवाई न हो।हमे सुरक्षा दी जाए और सभी मामले को दिल्ली भेजा जाएसिंह ने कहा अगर कोई नई FIR उसी बयान को लेकर दर्ज होती है तो उसपर भी कोर्ट रोक लगाए।जस्टिस सूर्यकांत ने कहा हम बस ये देखेगे कि आपको कानून के तहत प्रदत्त लाभ से महरूम न रखा जाए।

जस्टिस सूर्यकांत ने आदेश लिखवाते हुए कहा कि अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ति के वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि उसके वीडियो में कहा गया था कि नूपुर के गला काटने की बात कही गई थीं। इसके अलावा UP में भी इस तरह का मामले को संज्ञान कोर्ट के सामने लाया गया है।इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि उनके वकील ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने FIR दर्ज कर लुक आउट नोटिस जारी किया हैं। पुलिस नूपुर को गिरफ्तर करना चाहती है।उनके द्वारा यह भी कहा गया है कि नूपुर की जान को खतरा बढ़ गया है।

नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, नही होगी कोई दंडात्मक कार्यवाई…

इसके अलावा अगर कोई मुकदमा या शिकायत दर्ज होती है उस पर भी किसी तरह की कार्यवाई नही होगी। कोर्ट नूपुर के वकील से इन सभी घटनाओं को लेकर विस्तृत 10 अगस्त तक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा।

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