अब सिर्फ एक बार पंजीकरण कराएं और भारतीय रेलवे की देश भर की किसी भी नीलामी में शामिल होने का सुनहरा मौका
लव इंडिया, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाणिज्यिक कमाई, गैर-किराया राजस्व। (एनएफआर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी की नीति और पोर्टल लॉन्च किया। भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता को पोर्टल के माध्यम से भारतीय रेलवे की किसी भी फील्ड यूनिट की नीलामी में भाग लेने के लिए केवल एक बार पंजीकरण करने की आवश्यकता है। पिछले एक माह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत् इस पोर्टल के माध्यम से 80 अर्निंग कांट्रेक्ट को मूर्त रूप दिया गया जिससे 128 करोड़ रूपए की आय हुई। अखिल भारतीय स्तर पर मानकीकरण भारतीय रेलवे ने स्क्रैप बिक्री की प्रचलित ई-नीलामी के अनुरूप भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आईआरईपीएस) के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं ।
श्री अश्विनी वैष्णव ने आज रेल भवन में वाणिज्यिक कमाई, गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) अनुबंधों के लिए ई-नीलामी का शुभारंभ किया। इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ेगी बल्कि कारोबार सुगमता के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा।इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, यह नीति प्रौद्योगिकी के उपयोग से आम आदमी के अनुभव को बदलने के लिए माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस नई नीति के साथ, निविदा की कठिन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
साथ ही, यह युवाओं को ई-नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगा। यह नीति जीवन की सुगमता को बढ़ाती है, पारदर्शिता को बढ़ावा देती है और रेलवे में डिजिटल इंडिया की पहल को जोड़ती है।पार्सल वैन, पे एंड यूज टॉयलेट, स्टेशन, सर्कुलेटिंग एरिया और कोचों पर विज्ञापन का अधिकार, एसी वेटिंग रूम, क्लॉक रूम, पार्किंग लॉट, प्लास्टिक बॉटल क्रशर, एटीएम, स्टेशन को-ब्रांडिंग, वीडियो स्क्रीन के माध्यम से प्रचार आदि को पोर्टल में स्थान-वार मैप किया जाएगा। इससे रियल टाइम आधार पर परिसंपत्तियों की निगरानी में सुधार होगा।
वर्तमान ई-निविदा में भाग लेने के लिए संबंधित क्षेत्र इकाई के साथ फिजिकल पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इससे शेष भारत के संभावित बोलीदाताओं के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है। निविदा को अंतिम रूप देने हेतु नामित सदस्यों की फिजिकल बैठक की आवश्यकता के कारण इसे अंतिम रूप देने में समय लगता है।भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता को पोर्टल के माध्यम से भारतीय रेलवे की किसी भी क्षेत्रीय इकाई की नीलामी में भाग लेने के लिए एक बार स्वयं पंजीकरण करने की आवश्यकता है।
इलेक्ट्रॉनिक रूप से बयाना राशि (ईएमडी) जमा करने के बाद किसी परिसंपत्ति के प्रबंधन अधिकारों के लिए कहीं से भी बोली लगाई जा सकती है। सफल बोलीदाता बहुत कम समय में ऑनलाइन और ई-मेल के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। वित्तीय कारोबार की आवश्यकता को छोड़कर, सभी पात्रता मानदंड हटा दिए गए हैं। इसके अलावा, वित्तीय आवश्यकता को काफी हद तक लचीला बना दिया गया है साथ ही 40 लाख रुपये तक के वार्षिक अनुबंधों के लिए कोई वित्तीय टर्नओवर की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय रेल के 09 जोनों के 11 मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था । इस दौरान 128 करोड़ मूल्य के कुल 80 अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया।ई-ऑक्सन नीलामी आईआरईपीएस www.ireps.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी । पहले से लागू ठेकेदारों के मंडलवार फिजिकल पंजीकरण की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है । ठेकेदारों द्वारा पिछले टर्नओवर की स्व-घोषणा के आधार पर वित्तीय मानदंड को देखा जाएगा । पारदर्शिता हेतु सभी परिसंपत्तियों का विवरण पोर्टल पर लोड कर दिया जाएगा ।
उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि संपत्ति के सभी विवरणों के साथ नीलामी सूची आईआरईपीएस पोर्टल पर न्यूनतम 15 दिन पहले ऑनलाइन उपलब्ध होगी । नीलामी के लिए न्यूनतम 30 मिनट का समय दिया जाएगा । किसी भी कैटलॉग में लगातार लॉट की नीलामी 10 मिनट के अंतराल के बाद बंद कर दी जाएगी । यदि नीलामी बंद होने के समय के अंतिम 2 मिनट के भीतर कोई बोली प्राप्त होती है, तो लॉट के समापन समय को स्वचालित रूप से 2 मिनट के लिए बढ़ा दिया जाएगा। सभी बोलीदाताओं को अपनी बोलियां जमा करने के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करने के लिए 10 ऐसे ऑटो एक्सटेंशन की अनुमति दी जाएगी। पूर्व मध्य रेल में भी इस नई प्रणाली के तहत् कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ।