दिल्ली: हाईकोर्ट ने अबु सलेम को याचिका वापस लेने की दी अनुमति

India Uncategorized

दिल्ली हाईकोर्ट ने 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में उम्रकैद की सजा काट रहे और प्रत्यर्पण कर भारत लाए गए गैंगस्टर अबु सलेम की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। इस याचिका में सलेम ने मांग की थी कि भारत में उनकी कैद को अवैध घोषित कर दिया जाए।
याचिका की सुनवाई कर रही जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अबू सलेम की याचिका खारिज की जाती है क्योंकि इसे वापस ले लिया गया है। इस याचिका में सलेम ने पुर्तगाल वापस भेजे जाने की भी अपील की थी।
सलेम के वकील ने अदालत में कहा कि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए इस याचिका को हाईकोर्ट से वापस लेने की अनुमति चाहते हैं। सलेम के वकील ने नजरबंदी को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि प्रत्यर्पण विभिन्न आश्वासनों पर किया गया था जिनका उल्लंघन किया गया और हिरासत अवैध हो गई। वकील ने कहा कि सलेम को अतिरिक्त आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया जो लागू संधि का हिस्सा नहीं थे।
सलेम ने हैबियस कॉरपस याचिका भी दायर की है
अपने हैबियस कॉरपस (बंदी-प्रत्यक्षीकरण) याचिका में सलेम ने कहा था कि प्रत्यर्पण कर उसे 2002 में भारत लाया गया था तबसे वह जेल में है और उसकी लंबित याचिकाओं की सुनवाई की हाल-फिलहाल कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। सलेम की हैबियस कॉरपस याचिका में अदालत ने पाया था कि यह केस उसके अधीन नहीं आता और सलेम की कैद अवैध नहीं हो सकती क्योंकि उसे कानून ने दोषी ठहराया है।
अदालत का मानना रहा है कि एक बार जब सलेम का ट्रायल हो चुका है और अदालत ने उसे दोषी पाया है तो उसकी हिरासत अवैध कैसे हो सकती है। हैबियस कॉरपस याचिका तब फाइल की जाती है जब एक ऐसे शख्स को कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहा जाए जो गायब है या अवैध रूप से हिरासत में है।
1993 बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट का दोषी सलेम 11 नवंबर, 2005 को प्रत्यर्पण संधि के तहत पुर्तगाल से भारत लाया गया था। 2017 में सलेम को दोषी करार देते हुए अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *