बिजली की इत्ती खपत: अप्रैल में ही 657 मेगावाट बिजली खा गए कूलर-एसी, बढ़े लोड से हो रहीं समस्याएं और अघोषित कटौती
पिछले साल की अपेक्षा इस बार गर्मी अधिक पड़ रही है। ऐसे में बिजली खपत भी ज्यादा है। इस साल अप्रैल में पिछले साल के मुकाबले 100 मेगावाट से अधिक बिजली अभी खर्च हो गई है, जबकि महीना खत्म होने में चार दिन बाकी हैं। अप्रैल 2021 में 548 तो अप्रैल 2022 में 657 मेगावाट बिजली खर्च हो चुकी है। औद्योगिक क्षेत्रों की बिजली की मांग में अधिक अंतर नहीं है। इससे स्पष्ट है कि घरों में चलने वाले पंखे, कूलर, एसी जमकर बिजली खींच रहे हैं।
लोड बढ़ने से ट्रिपिंग और फॉल्ट से अघोषित कटौती
आमतौर पर इतनी बिजली की मांग मई और जून की गर्मी में होती है। हालांकि केस्को मांग के मुुताबिक बिजली तो दे रहा है, लेकिन शहरी इलाकों के फीडर इस बढ़े लोड को झेल नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि ट्रिपिंग हो रही है और ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। वोल्टेज कम ज्यादा की समस्या से भी उपभोक्ता परेशान हैं।
रोजाना के फॉल्ट से बिजली आपूर्ति 24 घंटे के बजाय औसतन 22 घंटे हो रही है। जिन इलाकों में ज्यादा ओवरलोडिंग की समस्या है, वहां रोजाना तीन से चार घंटे बिजली जा रही है। उधर औद्योगिक क्षेत्रों में अप्रैल 2021 में जहां 75 मेगावाट बिजली खर्च हुई थी, तो अप्रैल 2022 में अब तक 83 मेगावाट बिजली खर्च हुई है।
मंगलवार को यहां ज्यादा रही समस्या
फॉल्ट की वजह से मंगलवार को कुछ इलाकों में बिजली ज्यादा देर तक गुल रही। साकेत नगर में बिजली छह घंटे तक नहीं आई। ओवरलोडिंग की वजह से यहां की एबीसी केबल लाइन ही जल गईं। इसे बदलने में समय लग गया। जाजमऊ के छबीलेपरवा सबस्टेशन से कैलाश नगर की बिजली सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक गुल रही। शीतला बाजार में भी ओवरलोडिंग से हुए फॉल्ट से तीन घंटे बिजली नहीं आई। इसी तरह कल्याणपुर केशवपुरम, हैरिसगंज के शांति नगर, फूलबाग, गोविंद नगर में घंटों बिजली गुल रही।