क्रोमैटोग्राफी तकनीक की फॉरेंसिक साइंस में ख़ास अहमियतः डॉ. पंवार
लव इंडिया,मुरादाबाद। डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक साइंस, इंस्टिट्यूट फॉर एक्सीलेंस इन हायर स्टडीज, भोपाल के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पंवार ने कहा, क्रोमैटोग्राफी तकनीक की फॉरेंसिक साइंस में ख़ास अहमियत है। बोले, इस तकनीक में दो फेज होते हैं- मोबाइल फेज और स्टेशनरी फेज। किसी भी मिश्रण के जो अंश होते हैं, वे इन दोनों फेजों के प्रति आत्मीयता रखते हैं। साथ ही उसी के अनुसार अलग होते हैं। उन्होंने इस तकनीक में हुई उन्नति और इन्नोवेशन के बारे में विस्तार से बताने के अलावा अलग-अलग तरह की क्रोमैटोग्राफी तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. पंवार ने स्टुडेंट्स को थिन लेयर क्रोमैटोग्राफी, गैस क्रोमैटोग्राफी, हाई परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी आदि तकनीकों के बारे में भी गहनता से बताया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में फॉरेंसिक साइंस विभाग की ओर से एडवांसमेंट्स एंड इन्नोवेशन इन क्रोमैटोग्राफिक टेक्निक्सः हैंड्स ऑन ट्रेनिंग पर आयोजित एक दिनी वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। संचालन फैकल्टी प्रीति लाठर ने किया।
उन्होंने कॉलेज की लैब में स्टुडेंट्स को थिन लेयर क्रोमैटोग्राफी का डेमो भी दिया। इस तकनीक के माध्यम से उन्होंने पेस्टिसाइड्स और कैनाबिस का सेपरेशन किया और स्टुडेंट्स को भी करने का मौका दिया। इससे पूर्व वर्कशॉप का शुभारम्भ मुख्य वक्ता डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पंवार, कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार, एमएलटी की एचओडी डॉ. रूचिकांत आदि ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ. नवनीत कुमार ने छात्रों को क्रोमैटोग्राफी तकनीकों की विशेषताओं और जरूरतों को बताया। वर्तमान में इन तकनीकों में हुई उन्नतियों के कारण ही प्रयोगशालाओं में सबूतों का परीक्षण सरल हो गया है। वर्कशॉप में फॉरेंसिक साइंस और एमएलटी के करीब 100 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर श्री रवि कुमार, श्री राकेश यादव, डॉ. अनिल कुमार सिंह, श्री हिमांशु यादव, श्री आकाश चौहान, श्री सागर देबनाथ, श्री मनोज दड़वाल आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।