शिक्षा:75 साल की गलती को सुधारने जा रही मोदी सरकार

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नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी की सरकार अब कांग्रेस की पिछली सरकारों की बड़ी गलती को सुधारने जा रही है. सच छिपा जो गलत इतिहास हमे पढ़ाया गया, देश के जिन महानायकों को जानबूझकर छिपा दिया गया था, उन्हें अब सिलेबस में शामिल कर बच्चों को पढ़ाया जाएगा. NCERT की सोशल साइंस की किताब पर शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने राज्य सभा में सरकार से सवाल पूछा था. उन्होंने स्कूली किताबों में दर्ज गलत इतिहास को सुधारने पर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूछा था. इस पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सदन में जवाब दिया. उन्होंने बताया कि सोशल साइंस की कुछ किताबों में संशोधन करके उन्हें रीप्रिंट करवाने के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि 2022-23 के एजुकेशनल कैलेंडर की नई किताबों में संशोधित इतिहास पढ़ाया जाना शुरू हो सकता है. बताते चलें कि NCERT की इतिहास की किताबों में मुगलों को महान बताने और भारत के ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रेजेंट करने पर विवाद रहा है. आलोचकों का कहना है कि इतिहास की किताबों में यह तो बताया गया कि लाल किला, कुतुब मीनार और ताज महल किसने बनवाए लेकिन यह तथ्य जानबूझकर छिपा लिया गया कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार बनवाने के लिए महरौली में 41 हिंदू-जैन मंदिरों को तोड़ा था और फिर उन्हीं मंदिरों के मलबे पर मीनार का निर्माण करवाया. इतिहास की किताबों में मुगलों की कथित बहादुरी तो लिखी गई लेकिन सोमनाथ मंदिर को बार-बार किसने और कैसे तोड़ा. मथुरा व काशी के मंदिरों का ध्वंस क्यों और किसने करवाया, इसके बारे में कुछ नहीं बताया जाता. इतना ही नहीं, किताबों में अकबर को तो महान बताया गया लेकिन अपने राज्य को बचाने के लिए उससे जिंदगी भर लड़ने वाले महाराणा प्रताप के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया. मुगलों के अत्याचारों के सामने सीना तानकर खड़े होने वाले गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह और उनके चार साहिबजादों की गाथा को इतिहास की किताबों से सिरे से गायब कर दिया गया. ऐसे बहुत सारे सवाल हैं, जो जब तब तत्कालीन कांग्रेस सरकारों पर उठते रहे हैं और वह उनका कोई तार्किक उत्तर नहीं दे पाई है. कई शिक्षाविदों का कहना है कि कांग्रेस की सरकारों ने सनातन संस्कृति और देश के नायकों को इतिहास से गायब करने के लिए हिस्ट्री लेखन का काम वामपंथियों और जेहादी विचारधारा वाले लोगों को दिया जिन्होंने अपने कुतर्कों और छदम उदाहरणों के जरिए इतिहास की किताबों को एक खास में रंग दिया.

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