आत्मनिर्भरता के लिए महिलाओं को स्वरोजगार से स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ना होगा : टी एस सिंहदेव

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जांजगीर चाम्पा :  महात्मा गांधी नरेगा के तहत काम करने वाली महिला श्रमिकों को अपने और अपने परिवार के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए खुद पहल करनी होगी। हमारे प्रदेश का मान तभी बढ़ेगा जब प्रत्येक महिला श्रमिक अपने लिए स्वरोजगार की राह बनाकर एक निश्चित आय अर्जित करने लगेंगी। इसके लिए जरूरी है कि महात्मा गांधी नरेगा के तहत बनने वाली व्यक्तिगत परिसंपत्तियों का लाभ लेकर महिलाएं स्वालंबन की दिशा में आगे आएं।

     उक्ताशय के विचार प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी एस सिंहदेव ने अपने वर्चुअल उद्बोधन के दौरान व्यक्त किए।  सिंहदेव के मुख्य आतिथ्य में आज राज्य स्तर पर महिला श्रमिकों के सम्मान का वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया  समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी एस सिंहदेव की उपस्थिति में अपर कलेक्टर  लीना कोसम ने जांजगीर चाम्पा जिले के पांच महिला श्रमिकों को सम्मान पत्र प्रदान किया। समारोह का आयोजन कलेक्टर कार्यालय जांजगीर स्थित एन आई सी के विडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में किया गया।

      इस वर्चुअल सम्मान समारोह में उपस्थित महिला श्रमिकों का आह्वान कर   सिंहदेव ने कहा कि आप सभी की उन्नति से ही समाज की उन्नति संभव है। उन्होंने विभिन्न जिलों के हितग्राहियों से मनरेगा की परिसंपत्ति बनने के बाद किए जा रहे स्वरोजगार की विस्तार से जानकारी लेकर सभी का उत्साहवर्धन भी किया।

      राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आइकॉनिक वीक मनाया जा रहा है। महिलाओं के योगदान को समर्पित इस सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को निजी भूमि में परिसंपत्तियों से आजीविका के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाने के बाद अपने परिवार के लिए बेहतर कार्य करने वाली पांच महिलाओं को जिला स्तर पर सम्मानित किया गया। एनआईसी कक्ष में संपन्न हुए आयोजन में उन्हें‌ अपर कलेक्टर लीना कोसम ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

5 महिला हितग्राहियों का किया गया सम्मान-
     आयोजन में जिन महिलाओं को सम्मानित किया गया उनमें व्यक्तिमूलक कार्यों में  शकुंतला बाई, भूमि सुधार कार्य, नवागांव बलौदा,  चमरिन बाई निजी डबरी निर्माण, कटघरी, अकलतरा,  सुखमति सिदार, पतेरापाली, भूमि सुधार कार्य, सक्ती  दुरपति बाई कुर्रे, कुआं निर्माण, बंसुला, बम्हनीडीह,  निर्मला बाई लहरे, निजी डबरी निर्माण, मेऊ पामगढ़ शामिल थीं ।

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