“ऋतु परिवर्तन के साथ ही बसंत पंचमी का सनातन धर्म में विशेष महत्त्व”

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लव इंडिया, संभल। बसंत पंचमी का दिन अत्यंत शुभ है माँ सरस्वती की पूजा का दिन होने के कारण सनातन धर्म मे बसंत पंचमी का विशेष महत्त्व है। वक्ताओ ने इस दिन को ऋतु परिवर्तन का दिन बताते हुए माँ सरस्वती का गुणगान भी किया।

सरायतरीन के मौहल्ला घासमंडी मे वार्ष्णेय सभा संभल की ओर से बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया ध्वजरोहण करते हुए इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने कहा कि बसंत पंचमी का त्यौहार ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा के साथ-साथ ऋतु परिवर्तन के लिया जाना जाता है।

वार्ष्णेय सभा के प्रबंधक वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने कहा हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इसलिए उनसे ज्ञान और कला प्राप्त करने के लिए लोग बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाते हैं। यह दिन अत्यंत शुभ है; इस दिन लोग नया काम शुरू करते हैं, शादी करते हैं या कुछ भी नया शुरू करते हैं।

इस अवसर पर वार्ष्णेय सभा के अध्यक्ष जगत आर्य, अभिषेक अग्रवाल, सुमित श्याम, नवरतन सर्राफ,उमेश सर्राफ, धर्मेन्द्र अग्रवाल,त्रिभुवन सर्राफ,पारस वार्ष्णेय एडवोकेट, सुमित सर्राफ, सुरेश अटल, संदीप गुप्ता, अनुज आर्य, पराग वार्ष्णेय आदि ने माँ सरस्वती का गुणगान किया।

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