27 में से 5 नक्षत्र दूषित और इन्हीं को पंचक कहा जाता है
पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहते हैं। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हीं को पंचक कहा जाता हैं। ये नक्षत्र हैं – धनिष्ठा,शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती नक्षत्र। पंचक धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के आरंभ से होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक रहता हैं।
हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक या फिर शुभ काम करने से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता हैं। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य का फल अच्छा होता हैं इसलिए अशुभ मुहूर्त में काम करने की मनाही हैं। ऐसे ही हर माह के 5 दिन होते हैं, जिनमें किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती हैं। इन पांच दिनों को पंचक नाम से जानते हैं। वर्ष 2024 का प्रथम पंचक 13 जनवरी से लगने वाला हैं। शनिवार से लगने के कारण इन्हें ” मृत्यु पंचक ” कहा जाएगा।
दिसम्बर 2024 में कब से कब तक पंचक..?
पंचांग के अनुसार, 13 जनवरी, शनिवार को रात्रि 23:35से पंचक शुरू हो रहा है, जो 18 जनवरी बृहस्पतिवार को रात्रि 03:33 पर समाप्त हो रहा हैं।
*मृत्यु पंचक 2024*
शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है। नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।
पंचक के दौरान ना करें ये काम
▪️ पंचक के दौरान चारपाई बनाना शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कोई बड़ा संकट भविष्य में आ सकता है।▪️ पंचक के दौरान दक्षिण की ओर यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।▪️ अब पंचक के दौरान रेवती नक्षत्र है,तो घर की छत नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में रहने वाले सदस्यों के बीच मतभेद होता रहता है और धन हानि का सामना करना पड़ता है।▪️ पंचक में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है। अगर किया जाता है, तो शव के साथ पांच आटा के पुतले या कुश से पुतला बनाकर अर्थी में रखा जाता है।▪️ पंचक के दौरान घनिष्ठा नक्षत्र हैं, तो घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आग लगने का भय बना रहता हैं।